लखनऊ। लखीमपुर कांड मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के ड्राइवर और समर्थकों की पीट-पीटकर हत्या और वाहनों में तोड़फोड़-आगजनी के मामले में गिरफ्तार 7 आरोपियों में से तीन के खिलाफ सबूत नहीं मिले हैं.
चार आरोपियों के खिलाफ कई धाराओं में चार्जशीट दाखिल
एसआईटी ने अपनी जांच में चार आरोपियों के खिलाफ हत्या, बलवा, आगजनी, तोड़फोड़ और उकसाने समेत कई धाराओं में चार्जशीट दाखिल की है.
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जांच में इन लोगों को निर्दोष पाया गया
सरदार विचित्र सिंह, गुरविंदर सिंह, गुरप्रीत और कमलजीत को एसआईटी ने आरोपी बनाया है. रंजीत सिंह, अवतार सिंह और सोनू को जांच में निर्दोष पाया गया है. वो जल्द जेल से रिहा हो सकते हैं. बीजेपी कार्यकर्ता सुमित जायसवाल द्वारा दर्ज FIR के संबंध में एसआईटी ने शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 500 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया.
आशीष मिश्रा मामले में मुख्य आरोपी हैं
मामला पिछले साल 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश में भड़की हिंसा से संबंधित है. चार किसानों, दो BJP कार्यकर्ताओं, एक ड्राइवर और एक पत्रकार सहित आठ लोगों की इस हिंसा में मौत हो गई थी. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मामले में मुख्य आरोपी हैं और 9 अक्टूबर को गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद हैं.
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इस संबंध में दो FIR दर्ज की गयी थी. पहली FIR किसान जगजीत सिंह द्वारा किसानों और एक पत्रकार की मौत के संबंध में दर्ज की गई थी, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा और 15 से 20 अन्य पर आरोप लगाया था.
सुमित जायसवाल आशीष मिश्रा के करीबी
दूसरी FIR BJP कार्यकर्ता सुमित जायसवाल ने पार्टी के दो कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की मौत के संबंध में दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ शिकायत दी थी. सुमित जायसवाल आशीष मिश्रा के करीबी हैं.
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