कुशीनगर। कुशीनगर पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक अन्तर्राज्जीय संगठित साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गैंग भीड़-भाड़ वाले बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर भोले-भाले लोगों को निशाना बनाकर उनका मोबाइल फोन चोरी करता था और फिर डिजिटल धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम देता था।
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि यह गिरोह खासतौर पर उन मोबाइलों को टारगेट करता था जिनमें स्क्रीन लॉक नहीं होता था। मोबाइल चोरी करने के बाद गिरोह के सदस्य ‘माई आधार’ ऐप का इस्तेमाल करके मोबाइल धारक का आधार नंबर प्राप्त कर लेते थे। इसके बाद आधार और मोबाइल नंबर की मदद से यूपीआई पिन रीसेट कर, आधार कार्ड पर फोटो बदलकर अपना फोटो लगा देते थे। फिर ग्राहक सेवा केंद्र (CSC) संचालकों को मोटा कमीशन देकर स्कैनर से पीड़ितों के बैंक खातों से हजारों रुपये निकाल लिए जाते थे।
यदि मोबाइल में स्क्रीन लॉक रहता था, तो गिरोह सदस्य सिम कार्ड निकालकर पहले से चोरी किए गए दूसरे मोबाइल में डालते थे। इसके बाद उस मोबाइल पर यूपीआई ऐप डाउनलोड करके इसी प्रक्रिया के तहत खातों से रकम उड़ाई जाती थी। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के तार बिहार के मुंगेर और भागलपुर जिलों से जुड़े हैं। गिरोह का सरगना मुंगेर का निवासी है, जबकि इसके कई सक्रिय सदस्य भागलपुर से आते हैं। इसके अलावा, कुशीनगर और महराजगंज जिले के तीन सीएससी संचालक भी इस साइबर गैंग से जुड़े पाए गए हैं।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने गिरोह के पास से भारी मात्रा में नगदी, मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य उपकरण बरामद किए हैं। जब्त सामान और नगदी की कीमत करीब 12 लाख रुपये बताई जा रही है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह के पकड़े जाने से क्षेत्र में साइबर अपराध पर अंकुश लगेगा और आमजन को राहत मिलेगी।
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने कहा—
“कुशीनगर पुलिस ने एक संगठित अन्तर्राज्जीय साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। ये अपराधी आम जनता के मोबाइल चुराकर उनकी निजी जानकारी का दुरुपयोग कर बैंक खातों से पैसे निकाल रहे थे। गिरोह के कई सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं और उनसे पूछताछ जारी है। इस कार्रवाई से साइबर अपराधियों पर सख्त संदेश जाएगा।”
पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और उनसे जुड़े नेटवर्क की तलाश में जुट गई है। साथ ही, लोगों को सतर्क रहने और मोबाइल फोन की सुरक्षा (जैसे मजबूत स्क्रीन लॉक, यूपीआई ऐप्स पर बायोमेट्रिक या पिन सुरक्षा) को मजबूत करने की सलाह दी जा रही है। कुशीनगर पुलिस का कहना है कि समय रहते सतर्क रहने से ऐसे साइबर अपराधों को रोका जा सकता है।
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