कुशीनगर।
ज़िले के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र में स्थित खुशी हॉस्पिटल एक बार फिर विवादों में है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और निजी अस्पतालों में चल रही अवैध गतिविधियों की पोल खोल दी है।
वायरल वीडियो में खुशी हॉस्पिटल के प्रबंधक राजू श्रीवास्तव एक महिला मरीज का बिना किसी चिकित्सकीय डिग्री के ऑपरेशन करते नज़र आ रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि वीडियो में राजू श्रीवास्तव मरीज के अंग (ऑर्गन) निकालकर कैमरे के सामने दिखाते भी दिखाई दे रहे हैं। यह दृश्य न केवल भयावह है बल्कि यह स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने जैसा है।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, राजू श्रीवास्तव और उनके सहयोगियों पर पहले भी अवैध ऑपरेशन करने और लापरवाही के चलते मरीजों की मौत के आरोप लग चुके हैं। इतना ही नहीं, कुछ महीने पहले सीएमओ टीम ने अस्पताल को सील भी किया था, लेकिन इसके बावजूद खुशी हॉस्पिटल का संचालन जारी है।
ग्रामीणों और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत और उदासीनता के कारण ऐसे फर्जी डॉक्टर खुलेआम लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।
लोगों का सवाल है कि जब एक सील किया गया अस्पताल फिर से खुलेआम चल रहा है, तो आखिर जिम्मेदारी किसकी है? क्या स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई सिर्फ कागज़ों तक सीमित है?
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है।
यह घटना न सिर्फ चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि ग्रामीण इलाकों में फर्जी अस्पताल और बिना लाइसेंस वाले डॉक्टर किस तरह लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
अब बड़ा सवाल यह है — आखिर ऐसे फर्जी डॉक्टरों और लापरवाह स्वास्थ्य अधिकारियों पर कब चलेगी कार्रवाई?
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