कुशीनगर जिले के हाटा क्षेत्र के सिघना गांव में छठ महापर्व को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। ग्रामीणों द्वारा तैयार की गई छठ पूजा की वेदियों को नगर पालिका प्रशासन ने जेसीबी से ढहा दिया, जिसके बाद ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया।
घटना कैसे हुई?
ग्रामीणों के अनुसार, छठ महापर्व की तैयारियां कई दिनों से चल रही थीं। गांव के तालाब किनारे पूजा के लिए खास वेदियां बनाई गई थीं, ताकि महिलाएं और श्रद्धालु परंपरा के अनुसार सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित कर सकें। लेकिन शुक्रवार को अचानक हाटा नगर पालिका की टीम जेसीबी लेकर मौके पर पहुंची और वेदियों को तोड़ना शुरू कर दिया।
ग्रामीणों का विरोध और हंगामा
वेदियां टूटते ही ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में लोग मौके पर इकट्ठा हो गए और नगर पालिका की कार्रवाई के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन करने लगे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और त्योहार से ठीक पहले इस तरह की कार्रवाई बेहद निंदनीय है।
पुलिस और तहसील प्रशासन की एंट्री
हंगामा बढ़ता देख पुलिस बल और तहसीलदार मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच लंबे समय तक कहासुनी होती रही। इस दौरान ग्रामीणों ने साफ कहा कि अगर छठ पूजा में किसी तरह की बाधा आई तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
नगर पालिका का बचाव
नगर पालिका प्रशासन ने इस कार्रवाई को सरकारी भूमि का मामला बताते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया। अधिकारियों का कहना है कि वेदियां सरकारी तालाब की जमीन पर बनाई गई थीं, जिसकी अनुमति नहीं ली गई थी।
ग्रामीणों की मांग
गांव के लोगों का कहना है कि छठ महापर्व आस्था का पर्व है और इसमें राजनीति या प्रशासनिक जटिलताओं को बीच में लाना उचित नहीं। ग्रामीणों ने मांग की कि प्रशासन तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था करे ताकि श्रद्धालु शांति और श्रद्धा के साथ छठ महापर्व मना सकें।
👉 ग्रामीण बाइट
“हम लोग कई दिनों से छठ पर्व की तैयारी कर रहे थे। पूजा के लिए वेदियां बनाई गई थीं, लेकिन नगर पालिका ने जेसीबी से तोड़ दिया। ये हमारी आस्था और धर्म से खिलवाड़ है। प्रशासन को तुरंत इसकी भरपाई करनी होगी।”
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