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Tragic Bypass Crash: जालौन चुर्खी बाईपास पर ट्रक टक्कर में प्रताप सिंह पाल की मौत, महेश पाल ने चालक को पकड़ा

चुर्खी बाईपास पर ट्रक की टक्कर से प्रताप सिंह पाल की दर्दनाक मौत, चालक गिरफ्तार

जालौन से रिपोर्ट – हरिमाधव मिश्र

जालौन जनपद से एक हृदयविदारक सड़क हादसे की खबर सामने आई है, जिसने पूरे जिले को शोक में डुबो दिया है। उरई कोतवाली क्षेत्र के चुर्खी बाईपास चौराहे पर शुक्रवार की देर शाम एक तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार को इतनी जोरदार टक्कर मारी कि मौके पर ही उसकी हालत गंभीर हो गई। स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में घायल को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान प्रताप सिंह पाल (उम्र लगभग 45 वर्ष) निवासी मोहल्ला बघौरा, उरई के रूप में हुई है।

कैसे हुआ हादसा

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा शाम करीब 6 बजे के आसपास हुआ जब प्रताप सिंह पाल अपनी बाइक से किसी काम से चुर्खी की ओर जा रहे थे। उसी दौरान चुर्खी बाईपास चौराहे के पास से गुजर रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने अचानक सामने से आ रही उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि प्रताप सिंह सड़क पर गिर पड़े और गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर अफरा-तफरी मच गई।

वहाँ मौजूद लोगों ने तुरंत इलेक्ट्रिक रिक्शा मंगवाकर घायल को राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई पहुँचाया। लेकिन दुर्भाग्यवश, डॉक्टरों ने जांच के बाद प्रताप सिंह को मृत घोषित कर दिया।

भागते ट्रक चालक को पकड़ा गया

हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार होने की कोशिश करने लगा। लेकिन समाज के युवा और साहसी व्यक्ति महेश पाल नादई ने हिम्मत दिखाते हुए ट्रक का पीछा किया। उन्होंने कई किलोमीटर तक पीछा करते हुए ट्रक को रामेश्वर चौराहे पर जाकर पकड़ लिया। स्थानीय लोगों की मदद से ट्रक चालक को काबू में किया गया और सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुँची उरई कोतवाली पुलिस ने चालक को हिरासत में लेकर ट्रक को थाने में खड़ा करा दिया।

महेश पाल की इस बहादुरी की पूरे क्षेत्र में सराहना की जा रही है। लोगों का कहना है कि अगर उन्होंने समय पर हिम्मत नहीं दिखाई होती, तो चालक फरार होकर बच निकलता।

परिवार में मचा कोहराम, मोहल्ले में पसरा मातम

जैसे ही हादसे की खबर मृतक के घर पहुँची, पूरे परिवार में कोहराम मच गया। मृतक के बेटे राजेंद्र पाल और देवेंद्र पाल का रो-रोकर बुरा हाल है। माँ और परिजनों की चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया। मोहल्ले में भी शोक की लहर फैल गई। पड़ोसी और रिश्तेदारों की भीड़ मृतक के घर जुटने लगी। हर कोई प्रताप सिंह के असमय निधन पर दुखी है।

लोगों के अनुसार, प्रताप सिंह एक मेहनती, ईमानदार और मिलनसार व्यक्ति थे, जो हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते थे। वे अपने परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी का बोझ अपने कंधों पर उठा रहे थे। उनका यूँ अचानक चले जाना पूरे समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।

पाल समाज में शोक की लहर

इस घटना ने पूरे पाल समाज को झकझोर दिया है। कई सामाजिक संगठनों ने प्रताप सिंह की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया और परिवार को सांत्वना दी। समाज के वरिष्ठ जनों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और दोषी चालक पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

प्रशासन से नाराज़गी — “चुर्खी बाईपास बना हादसों का गढ़”

स्थानीय लोगों ने बताया कि चुर्खी बाईपास पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। सड़क पर रफ्तार रोकने के लिए न तो स्पीड ब्रेकर हैं और न ही कोई चेतावनी संकेत बोर्ड। रात में अंधेरा रहता है क्योंकि स्ट्रीट लाइटें भी बंद रहती हैं। लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं किया जाता, तब तक ऐसी घटनाएँ रुकने वाली नहीं हैं।

क्षेत्रवासियों ने डीएम और एसपी से मांग की है कि चुर्खी बाईपास चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगाई जाए, सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएँ और स्पीड लिमिट के सख्त नियम लागू किए जाएँ।

पुलिस की कार्रवाई

उरई कोतवाली प्रभारी ने बताया कि ट्रक और चालक को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। चालक से पूछताछ की जा रही है कि वह कहाँ से आ रहा था और कहाँ जा रहा था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की विधिक कार्यवाही की जाएगी।

स्थानीय लोगों की भावनाएँ

घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि प्रताप सिंह पाल का चेहरा हमेशा मुस्कान से भरा रहता था। वे एक जिम्मेदार नागरिक और परिवार के मुखिया थे। उनकी मौत से मोहल्ले में गहरा सन्नाटा छा गया है। कई लोगों की आँखें नम हो गईं जब शव को पोस्टमार्टम के बाद घर लाया गया।

एक बुजुर्ग पड़ोसी ने कहा —

“प्रताप बेटा बहुत नेकदिल था, किसी से ऊँची आवाज़ में बात नहीं करता था। भगवान उसके परिवार को ये दुख सहने की ताकत दे।”

समाज में उठे सवाल

यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा और तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण को लेकर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाता है। हर साल दर्जनों लोग सिर्फ लापरवाह ड्राइविंग की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं। चुर्खी बाईपास पर कई बार लोग प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

प्रताप सिंह पाल की मौत ने यह साबित कर दिया कि सड़कों पर रफ्तार और लापरवाही का संयोजन कितना खतरनाक साबित हो सकता है। यह केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि यदि समय रहते सड़क सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया तो ऐसी घटनाएँ यूँ ही दोहराई जाती रहेंगी।

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