जालौन जिले से एक सनसनीखेज और दर्दनाक मामला सामने आया है।

छह दिन से लापता युवक का शव बुधवार सुबह एक तालाब में मिला, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
यह मामला खरुसा गांव (थाना एट क्षेत्र) का है, जहाँ ग्रामीणों ने सुबह-सुबह तालाब में एक शव उतराता हुआ देखा।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची और शव की पहचान मनोज कुमार (37 वर्ष) पुत्र मुन्ना लाल वाल्मीकि, निवासी ग्राम टीहर (थाना रामपुरा) के रूप में हुई।
शादी में शामिल होने आया था मनोज, उसी रात हुआ गायब
परिजनों के अनुसार मनोज 21 नवंबर को अपने परिचितों के साथ खरुसा गांव में शादी समारोह में शामिल होने आया था।
शादी की खुशियाँ अचानक तब मातम में बदल गईं जब उसी रात मनोज रहस्यमय तरीके से लापता हो गया।
परिजनों ने पहले खुद खोजबीन की, लेकिन जब कोई सुराग नहीं मिला तो 23 नवंबर को एट थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई।
इसके बावजूद, परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने तलाश में कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
छह दिन बाद तालाब में मिला शव – फैली सनसनी
बुधवार की सुबह खरुसा गांव के तालाब में जब ग्रामीणों ने एक शव तैरता देखा तो मौके पर भीड़ लग गई।
थोड़ी देर में सूचना पाकर एट थाना पुलिस पहुँची और शव को बाहर निकलवाया गया।
पहचान होते ही मृतक के घर में कोहराम मच गया।
परिजनों ने मौके पर ही हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि मनोज को गांव के कुछ लोगों ने बुलाकर साजिश के तहत मार डाला।
परिजनों के आरोप – ‘रात में बुलाया, फिर हत्या कर दी’
मृतक के भाई और साले ने बताया कि
“मनोज को गांव के कुछ लोग शादी की रात फोन करके बुला ले गए।
उसी के बाद से वह लापता हो गया। हमें पूरा यकीन है कि उसकी हत्या कर शव तालाब में फेंक दिया गया।”
परिजनों का कहना है कि मनोज किसी तनाव में नहीं था और उसकी किसी से दुश्मनी भी नहीं थी।
ऐसे में यह मामला साफ-साफ हत्या का लगता है।
पुलिस की देरी पर भी उठे सवाल
परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है।
उनका कहना है कि गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने
खोजबीन में तेजी नहीं दिखाई।
मृतक के साले ने कहा —
“अगर पुलिस ने समय पर तलाश शुरू की होती तो शायद मनोज की जान बच जाती।”
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने शिकायत को उच्च अधिकारियों तक पहुँचने से रोकने की कोशिश की।
अब जब शव मिल गया है, तो सवाल यह उठ रहा है कि क्या पुलिस की यह देरी मनोज की मौत की असली वजह बनी?
गांव में तनाव, न्याय की मांग पर अड़े परिजन
घटना के बाद खरुसा गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है।
परिजन शव को देखकर टूट पड़े और न्याय की मांग पर अड़े रहे।
उनका कहना है कि जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होती, वे शांत नहीं बैठेंगे।
गांव में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और पुलिस प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की।
पुलिस का बयान – पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई
मामले में एट थाना पुलिस ने कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि की जा सकेगी।
फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
पुलिस का कहना है कि परिजनों के आरोपों की जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
शहर में गूंज उठा सवाल – क्या पुलिस की लापरवाही ने ली जान?
यह मामला अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है।
लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं —
क्या मनोज की मौत महज एक हादसा थी या किसी रची गई साजिश का हिस्सा?
क्या पुलिस की देरी और ढिलाई ने उसे बचने का मौका नहीं दिया?
गांव के लोग अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं,
जबकि परिजन अब भी न्याय की उम्मीद में पुलिस प्रशासन के दरवाजे खटखटा रहे हैं।
मनोज कुमार की रहस्यमय मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
जहाँ एक ओर परिवार हत्या की साजिश का आरोप लगा रहा है, वहीं दूसरी ओर पुलिस जांच और रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
यह मामला सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि व्यवस्था और भरोसे की परीक्षा बन गया है।
अब देखना यह होगा कि क्या न्याय की उम्मीद पर खरे उतर पाते हैं जालौन के अफसर,
या यह मामला भी एक अधूरी जांच की फाइल बनकर रह जाएगा।
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