राजनीति में नेताओं को जयकार सुनना किसी नए अनुभव जैसा नहीं है, लेकिन कभी-कभी मंच पर ऐसी घटनाएं होती हैं जो माहौल को और भी रंगीन और मनोरंजक बना देती हैं। ऐसा ही एक मजेदार वाकया राजस्थान के रतनगढ़ में सामने आया, जब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने समर्थकों से मिलीं।
बीकानेर से लौटते हुए रतनगढ़ पहुंचीं वसुंधरा राजे का स्वागत करने के लिए कार्यकर्ता पहले से ही लाइन में खड़े थे। हाथों में फूल, चेहरे पर उत्साह और जुबान पर नारे। भीड़ में से अचानक एक कार्यकर्ता ने पूरे जोश के साथ जोर से नारा लगाया—
“हमारा मुख्यमंत्री कैसा हो… वसुंधरा राजे जैसा हो…!”
यह सुनकर भीड़ ने भी सुर मिलाया, लेकिन इसी बीच सबसे दिलचस्प मोड़ आया। वसुंधरा राजे ने मुस्कुराते हुए कार्यकर्ता को रोकते हुए कहा—
“कैसा नहीं… कैसी हो, बोलो।”
भीड़ इस अचानक हुए सुधार पर थोड़ी देर के लिए चुप रही, फिर ठहाके गूंज उठे। कार्यकर्ता को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने तुरंत नारे को सुधारते हुए जोर से कहा—
“हमारी नेता कैसी हो… वसुंधरा राजे जैसी हो…!”
अब नारा और भी जोरदार था और मंच पर मौजूद हर किसी को हंसी से खिलखिला उठने पर मजबूर कर दिया। इस मजेदार वाकये ने न केवल माहौल को हल्का-फुल्का बना दिया बल्कि यह भी दिखाया कि राजनीति में कभी-कभी छोटे-छोटे पल कितने मनोरंजक हो सकते हैं।
राजे की सहजता और हास्यबोध ने इस स्वागत समारोह को यादगार बना दिया, और समर्थकों के साथ उनका यह पल सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है।
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