कन्नौज जिले के प्रेमपुर क्षेत्र में किसानों को लंबे समय से यूरिया खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा था। सरकारी कोटे की खाद की उपलब्धता होने के बावजूद किसानों को वितरण न होने की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं। ऐसे में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के पदाधिकारियों ने त्वरित हस्तक्षेप कर किसानों को बड़ी राहत प्रदान की। कार्रवाई के बाद किसानों को मात्र ₹280 प्रति बोरी की दर से यूरिया खाद उपलब्ध कराई गई।

किसानों की शिकायत पर भाकियू की टीम मौके पर पहुंची
जानकारी के अनुसार, प्रेमपुर क्षेत्र के किसानों ने यूनियन पदाधिकारियों को फोन कर बताया कि दुकानों पर यूरिया का स्टॉक मौजूद है, लेकिन उन्हें सरकारी दरों पर खाद नहीं दी जा रही। कई किसान कई दिनों से लाइनों में लगकर भी खाली हाथ लौट रहे थे, जिससे रबी सीजन की फसलों पर संकट मंडरा रहा था।
किसानों की सूचना मिलते ही भाकियू के जिला अध्यक्ष और सचिव सहित अन्य पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रेमपुर की विभिन्न दुकानों का निरीक्षण किया।
दुकानों की जांच और त्वरित वितरण शुरू
पदाधिकारियों ने दुकानदारों से स्टॉक की जानकारी ली और पाया कि खाद उपलब्ध होने के बावजूद किसानों को उचित दर पर नहीं दी जा रही थी। तत्परता दिखाते हुए यूनियन टीम ने मौके पर ही खाद वितरण प्रक्रिया शुरू कराई।
नतीजतन, कुछ ही घंटों में किसानों को ₹280 प्रति बोरी की दर से यूरिया खाद मिलने लगी, जिससे सैकड़ों किसानों को राहत मिली।
सहकारी समिति में ओटीपी समस्या से वितरण रुका
इस दौरान यूनियन टीम ने किसान सेवा समिति और अन्य सहकारी दुकानों का भी निरीक्षण किया। समिति पर खाद का स्टॉक मौजूद था, परंतु ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी के कारण वितरण रोक दिया गया।
भाकियू पदाधिकारियों ने किसानों को आश्वस्त किया कि इस समस्या को तुरंत जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी बाधाएं न आएं।
यूनियन का बयान — किसानों की समस्या सर्वोच्च प्राथमिकता
भाकियू पदाधिकारियों ने कहा कि —
“किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। खाद जैसी आवश्यक वस्तुओं में किसी भी प्रकार की कालाबाजारी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
उन्होंने आगे कहा कि यूनियन लगातार यह सुनिश्चित करेगी कि क्षेत्र में किसी भी किसान को समय पर खाद और बीज की आपूर्ति में कठिनाई न हो।
किसानों में खुशी की लहर
खाद मिलने के बाद क्षेत्र के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई। जिन किसानों की फसल सूखने की कगार पर थी, अब उन्हें उम्मीद की नई किरण दिखाई दी है। ग्रामीणों ने भाकियू पदाधिकारियों और प्रशासनिक तत्परता की सराहना की।
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