श्रावस्ती में दवा दुकानों पर लगातार हो रही पुलिस छापेमारी के खिलाफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाने और प्रतिबंधित दवाओं की स्पष्ट और लिखित सूची जारी करने की मांग की गई है।

घटना का विस्तृत विवरण
केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन का आरोप है कि हाल के दिनों में बिना स्पष्ट दिशा-निर्देश और सूची के पुलिस द्वारा दवा दुकानों पर की जा रही छापेमारी से व्यापारियों में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया है। व्यापारियों का कहना है कि वे नशे के खिलाफ चल रहे अभियान का समर्थन करते हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं होने पर कि कौन-सी दवाएं प्रतिबंधित हैं, दुकानों पर कार्रवाई करना अनुचित है।
एसोसिएशन ने मांग की है कि उत्तर प्रदेश सरकार और ड्रग कंट्रोल विभाग जल्द से जल्द प्रतिबंधित दवाओं की स्पष्ट और लिखित सूची जारी करें, ताकि व्यापारियों को भ्रम की स्थिति का सामना न करना पड़े और वे नियमों के तहत अपना कारोबार कर सकें।
केमिस्टों की चेतावनी
एसोसिएशन ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि इसी तरह दबाव और छापेमारी जारी रही, तो मजबूरी में कुछ जीवनरक्षक दवाओं की खरीद-बिक्री रोकनी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
हालांकि, केमिस्टों ने यह भी साफ किया कि जो भी व्यापारी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ ड्रग एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई का वे समर्थन करते हैं। लेकिन निर्दोष व्यापारियों का उत्पीड़न किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन पदाधिकारी ने कहा, “व्यापारी कानून का पालन करना चाहते हैं, लेकिन बिना सूची और दिशा-निर्देश के छापेमारी डर और दबाव बढ़ा रही है।”
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एक अन्य पदाधिकारी ने चेतावनी दी, “यदि प्रशासन ने स्पष्ट कदम नहीं उठाए, तो जीवनरक्षक दवाओं की बिक्री पर असर पड़ेगा। यह पूरी तरह प्रशासन की जिम्मेदारी होगी।”
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स्थान: श्रावस्ती, उत्तर प्रदेश
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मुख्य मुद्दा: पुलिस छापेमारी और व्यापारियों का विरोध
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मांगें: प्रतिबंधित दवाओं की स्पष्ट सूची जारी, पुलिस कार्रवाई पर रोक
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चेतावनी: जीवनरक्षक दवाओं की बिक्री रोकने की संभावना
श्रावस्ती में हुई यह घटना प्रशासन और व्यापारियों के बीच तनाव को दर्शाती है। स्थानीय प्रशासन ने अभी तक इस प्रदर्शन पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, जबकि केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो इसका सीधा असर दवा आपूर्ति और जनता की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा।
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