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सुप्रीम कोर्ट ने रोड रेज मामले में Navjot Singh Sidhu को सुनाई एक साल की जेल की सजा

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है. करीब 34 साल पहले सामने आए एक रोड रेज मामले में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई है. पहले इस मामले में उन पर सिर्फ 1000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था.

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नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की कैद

1988 के रोड रेज मामले में सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई गई है. पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ये साफ कर दिया है कि सिद्धू को इस मामले में एक साल जेल में बिताना होगा. वहीं याचिका में कहा गया है कि सिद्धू की सजा कम नहीं की जानी चाहिए.

हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला

इससे पहले पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने सिद्धू को गैर इरादतन हत्या में तीन साल कैद की सजा सुनाई थी जबकि सुप्रीम कोर्ट ने गैर इरादन हत्या में बरी कर दिया था, लेकिन चोट पहुंचाने के मामले में एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.

निचली अदालत ने किया था बरी

आपको बता दें कि, इसी मामले में सितंबर 1999 में निचली अदालत ने नवजोत सिह सिद्धू को बरी कर दिया था, लेकिन हाई कोर्ट ने दिसंबर 2006 में सिद्धू और एक अन्य पर गैर इरादतन हत्या मामले में दोषी करार देते हुए कैद की सजा सुनाई थी, जिसे दोनों आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

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जिसके बाद उच्चतन न्यायालय ने सिद्धू को पीड़ित के साथ मारपीट मामले में दोषी करार देते हुए हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. इसी मामले में अब पीड़ित पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल की गई थी.

27 दिसंबर 1988 को क्या हुआ था?

27 दिसंबर 1988 को ये दुखद घटनाक्रम पटियाला में सामने आया था. तब सिद्धू ने बीच रोड पर अपनी गाड़ी पार्क की थी. इसी दौरान जब पीड़ित ने रोड पर जिप्सी देखकर सिद्धू को उसे हटाने को कहा. तो वहां पर बहसबाजी शुरू हो गई. पुलिस का आरोप था कि इस दौरान सिद्धू पीड़ित के साथ मारपीट करने के बाद मौके से फरार हो गए थे.

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2006 में 3 साल की सजा मिली थी

नवजोत सिंह सिद्धू को इस मामले में 2006 में हाई कोर्ट ने तीन साल की सजा दी थी. सिद्धू और एक अन्य को गैर इरादतन हत्या के मामले में दोषी मानते हुए यह सजा मिली थी. उन्होंने इस फैसलो को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने तब सिद्धू को मारपीट का दोषी करार देते हुए एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.

अब कोर्ट ने बदला अपना फैसला

पीड़ित के परिवार की तरफ से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी. जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला बदलकर उन्हें एक साल की सजा सुनाई है. क्रिकेट से संन्यास के बाद सिद्धू राजनीति में सक्रिय हो गए. वह 2004 में भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता था. उन्हें 2009 में भी जीत मिली. जनवरी 2017 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

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