यूपी चुनाव से पहले बीएसपी प्रमुख मायावती संगठन को मजबूत करने में जुट गई हैं। दलित, ब्राह्मणों के बाद अब बीएसपी जाटों को भी अपने साथ जोड़ेगी। इतना ही नहीं मुसलिमों के उत्पीड़न के खिलाफ भी खुलकर खड़ी होगी।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ मीटिंग में ये फैसले लिए। बाद में पत्रकारों को बताया कि बसपा हमेशा जाटों मुस्लिमों के लिए सम्मान और तरक्की पर काम करती रही है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने ओबीसी, दलित वर्ग के लोगों के लिए सरकारी नौकरी में सुविधाएं व शिक्षा की व्यवस्था की, लेकिन अब केंद्र व राज्यों की जातिवादी सरकारें नए नियम कानून बनाकर इन्हें प्रभावहीन करने का प्रयास कर रही हैं। दलितों व आदिवासियों पर जुल्म हो रहा है।
उन्होंने ओबीसी की भी जातिगत गणना कराने की मांग की। कहा कि यूपी में भाजपा सरकार में खासतौर से धार्मिक अल्पसंख्यकों यानी मुस्लिम दुखी नजर आते हैं। उनकी तरक्की रोकी जा रही है फर्जी मुकदमे लगाकर उत्पीड़न किया जा रहा है । नए कानूनों से दहशत फैलाई जा रही है । इसमें बीजेपी का सौतेलापन साफ झलकता है।
मायावती ने कहा कि सुरक्षित सीटों के अलावा जनरल सीटों पर भी ओबीसी जाट मुस्लिम दलित और ब्राह्मण फार्मूला कार्य करेगा। उन्होंने ओवैसी चंद्रशेखर आदि किसी से भी बात करने या गठबंधन से इनकार किया और कहा कि बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी। साथ ही 12 निलंबित सांसदों से भी बात करने को कहा। कहा कि संसद को इतना कड़ा रुख अख्तियार नहीं करना चाहिए और उनसे बात करनी चाहिए।
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