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मेरठ से प्रयागराज तक होगा गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण, ये जिले होंगे लाभान्वित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए यूपीईडा के इस प्रोजेक्ट के तहत गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण मेरठ से प्रयागराज तक होगा। यह गंगा एक्सप्रेस-वे कुल 594 किलोमीटर का प्रस्तावित है।

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योजना से ये जिले होंगे लाभान्वित

वहीं इस योजना से मेरठ, हापुड, बुलन्दशहर अमरोहा, सम्भल, बदायू, शाहजहांपुर हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले लाभान्वित होंगे।

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क्या है एक्सप्रेसवे की चौड़ाई ?

यह एक्सप्रेसवे 06 लेन चौड़ा (08 लेन में विस्तारणीय) होगा और संरचनाएं 8 लेन चौड़ाई की बनायी जायेंगी। एक्सप्रेसवे के राइट ऑफ-वे (ROW) की चौड़ाई 130 मी0 प्रस्तावित है.

लोगों को मिलेगी सुगम आवागमन की सुविधा

एक्सप्रेसवे के एक और 3.75 मी० चौड़ाई की सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जायेगी, जिससे परियोजना आस-पास के गांव के निवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सके।

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एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य युद्धस्तर पर

बता दें कि, गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे का ना PPP-Toll (DBFOT) पद्धति पर किया जाना प्रस्तावित है।

बिड आमंत्रण के लिए RFQ-cum-RFP लेख पर सचिव समिति द्वारा संस्तुति प्रदान करने के पश्चात मा० मंत्रिमण्डल से अभिलेखों का मोदन प्रक्रियाधीन है। मा० मंत्री परिषद द्वारा अनुमोदन के उपरान्त बिड से संबंधित अग्रिम कार्यवाही जायेगी।

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गंगा एक्सप्रेसवे के लिए कुल आवश्यक भूमि के सापेक्ष दिनांक 31.08.2021 तक लगभग 8800 हेक्टेयर यानि कि 93 प्रतिशत भूमि का कय / अधिग्रहण किया जा चुका है।

इस योजना से लाभ

• एक्सप्रेसवे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत समय की बचत एवं पर्यावरणीय प्रदूषण का नियंत्रण भी संभव हो सकेगा।
• परियोजना से अच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि वाणिज्य पर्यटन तथा उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा।
• एक्सप्रेसवे से अच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन ईकाईयो विकास केन्द्र तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा।
• एक्सप्रेसवे के निकट इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना के लिए भी अवसर सुलन होंगे।
• एक्सप्रेसवे खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण ग्रह, मंडी और दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।

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