लखनऊ। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के कब्जे को लेकर भारत (India) में सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. सपा सांसद शफीकुर्रहमान (SP MP ShafiqurRahman) के बाद अब मशहूर शायर मुनव्वर राणा (Munavwar Rana) ने तालिबान का समर्थन (Support) किया.
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मुनव्वर राणा ने किया तालिबान का समर्थन
तालिबान का सर्मथन करते हुए मुनव्वर राणा ने कहा कि, तालिबानियों के बारे में राय बनाने में जल्दबाजी की जा रही है.
कई देशों की फौजों ने तालिबानियों पर बम बरसाए
राणा ने कहा कि, 20 साल में कई देशों की फौजों ने तालिबानियों पर बम बरसाए हैं, आज जो हो रहा है वो बदले की कार्रवाई है.
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अभी ये साबित नहीं हुआ की तालिबान ने किसी को मारा
अफगानिस्तान में वहीं लोग भाग रहे हैं जो अफगान हुकूमत के खास करीबी हैं. उन्होंने कहा कि, यह कहीं से साबित नहीं हुआ है कि, तालिबान ने किसी को मारा है या भगाया है.
जब तख्ते पलटते हैं तो छोटे मोटे पटरे इतर बितर हो जाते हैं. अगर हिंदुस्तान में हुकूमत बदल जाए तो जो इस हुकूमत के जो खास लोग होंगे वो छिप जाएंगे.
वहीं लोग भाग रहे हैं जो अफगान सरकार के नशे में डूब गए थे
अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं आयी जिसमें तालिबान ने जोर जुल्म किया हो. यह वहीं लोग भाग रहे हैं या छिप रहे हैं जो अफगान सरकार के नशे में डूब गए थे.
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एक आम आदमी जिसका किसी से कुछ लेना देना नहीं है, उसे यह नहीं कह सकते कि उसकी वजह से लोग भाग रहे हैं.
राणा ने कहा कि, वह उन्हीं का मुल्क हैं, वो बीस साल तक मारे मारे फिरे हैं, अमेरिका ने जितना भी जुल्म किया उन्होंने झेला.
वो सत्ता में आ रहे हैं तो वो जश्न मना रहे हैं
ऐसा कोई खानदान नहीं होगा जिसके दो चार लोग नहीं मरे होंगे. अब वो सत्ता में आ रहे हैं तो वो जश्न मना रहे हैं.
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अभी न तो प्रधानमंत्री मोदी इस पर कुछ बोले हैं न ही विदेश मंत्री, सभी लोग स्थिति का आंकलन कर रहे हैं. सब लोग देख रहे हैं कि, इनका रवैया क्या होता है.
हालात से बड़ा मरहम कोई नहीं होता
बीस साल भटकने के बाद यह भी आदमी बन गए होंगे. हालात से बड़ा मरहम कोई नहीं होता. चाहे हम हों, आप हों या तालिबानी हों. वक्त सब सिखा देता है.
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