हमीरपुर, उत्तर प्रदेश – जल संरक्षण और पर्यावरण सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में हमीरपुर जनपद में चन्द्रावल नदी के पुनरोद्धार कार्य का विधिवत शुभारंभ किया गया। यह ऐतिहासिक अवसर तहसील मौदहा के ग्राम पंचायत पढ़ोरी में आयोजित किया गया, जिसमें प्रदेश के राज्य मंत्री जल शक्ति विभाग, श्री रामकेश निषाद, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने इस महत्वपूर्ण परियोजना का शुभारंभ किया।

इस कार्यक्रम में जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के पदाधिकारी और स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल नदी के पुनरोद्धार के महत्व को उजागर करना था, बल्कि ग्रामीणों और किसानों में जल संरक्षण तथा पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना भी था।
नदी पुनरोद्धार का महत्व:
चन्द्रावल नदी, जो महोबा जनपद से प्रवेश कर हमीरपुर के 62 किलोमीटर लंबे प्रवाह क्षेत्र से होकर बहती है और अंततः बांदा जनपद में केन नदी में मिलती है, इस क्षेत्र की जीवनरेखा मानी जाती है। इसका जलग्रहण क्षेत्र लगभग 990 वर्ग किलोमीटर है और यह हमीरपुर के 18 गांवों से होकर गुजरती है। नदी के जलस्तर में गिरावट और इसके तटवर्ती क्षेत्रों में सूखे की समस्या को देखते हुए इस पुनरोद्धार कार्य की अत्यंत आवश्यकता थी।
राज्य मंत्री जल शक्ति विभाग, श्री रामकेश निषाद ने इस अवसर पर कहा कि यह पुनरोद्धार परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों के लिए एक बड़ी सौगात
जिला प्रशासन की तैयारियाँ:
चन्द्रावल नदी पुनरोद्धार को लेकर जिला प्रशासन और संबंधित विभागों द्वारा व्यापक तैयारियाँ की गई हैं। नदी के किनारे सफाई अभियान, अवरोधों को हटाना, किनारे की सुरक्षा और जल संरक्षण के लिए दीर्घकालीन योजनाओं का निर्माण इस परियोजना का हिस्सा है। इसके अलावा स्थानीय युवाओं और ग्रामीणों को नदी के संरक्षण में सक्रिय भागीदारी देने के लिए श्रमदान और जनजागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:
स्थानीय ग्रामीण और किसान इस पहल से अत्यंत उत्साहित हैं। उनका कहना है कि लंबे समय से नदी में जल स्तर गिरा हुआ था, जिससे खेतों की सिंचाई और पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो गई थी। इस परियोजना से उन्हें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में न केवल उनकी कृषि गतिविधियाँ सुचारू रूप से चलेंगी, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी स्थापित होगा।
पर्यावरण और जल संरक्षण में योगदान:
चन्द्रावल नदी का पुनरोद्धार केवल एक जल परियोजना नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र में पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने और जैव विविधता के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। नदी के किनारे वृक्षारोपण, तटबंध सुदृढ़ीकरण और जल संचयन जैसी पहलें इस अभियान का हिस्सा होंगी।
साबित होगी। उन्होंने कहा कि इस अभियान के जरिए न केवल जल स्तर में सुधार होगा, बल्कि सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी और क्षेत्र में जल संकट से निपटने में मदद मिलेगी।
भविष्य की योजनाएँ:
जिला प्रशासन और राज्य सरकार की योजना है कि इस परियोजना को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा। आने वाले महीनों में नदी के विभिन्न हिस्सों में साफ-सफाई, जल संचयन संरचनाओं का निर्माण, और किसानों को सिंचाई के आधुनिक उपाय उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस परियोजना का दीर्घकालिक लक्ष्य बुंदेलखंड क्षेत्र को जल संकट से मुक्त करना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
राज्य मंत्री श्री रामकेश निषाद ने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे इस परियोजना में सक्रिय भागीदारी करें और जल संरक्षण के प्रति जागरूक रहें। उन्होंने कहा, “जब तक हम सभी मिलकर नदी की रक्षा और पुनर्जीवन में योगदान नहीं देंगे, यह कार्य सफल नहीं हो सकता।”
इस प्रकार, हमीरपुर में चन्द्रावल नदी का पुनरोद्धार न केवल एक पर्यावरणीय पहल है बल्कि यह किसानों और ग्रामीणों के जीवन में बदलाव लाने वाला एक ऐतिहासिक कदम भी है। यह अभियान आने वाले समय में बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संकट से जूझ रहे लोगों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरेगा।
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