रिपोर्ट शशि गुप्ता लोकेशन अलीगढ़
अलीगढ़
राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय द्वारा नकल-विहीन परीक्षाएं कराने के दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं। मंडल के विभिन्न महाविद्यालयों में कराई जा रही परीक्षाओं के बीच अलीगढ़ जिले की तहसील अतरौली क्षेत्र से नकल माफिया के सक्रिय होने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। इन आरोपों के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
जानकारी के अनुसार, राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित महाविद्यालयों में परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। विश्वविद्यालय लगातार यह दावा करता रहा है कि परीक्षाएं पूरी तरह नकल-विहीन और पारदर्शी तरीके से कराई जा रही हैं। लेकिन अतरौली क्षेत्र के कुछ महाविद्यालयों में संगठित नकल माफिया के सक्रिय होने की खबरों ने इन दावों की पोल खोल दी है।
आरोप है कि नकल माफिया द्वारा विद्यार्थियों से दो हजार से चार हजार रुपये तक की रकम नकल कराने के नाम पर वसूली जा रही है। परीक्षा केंद्रों के आसपास खुलेआम नकल सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है और कुछ स्थानों पर परीक्षा कक्षों में भी नकल कराई जा रही है। बताया जा रहा है कि यह पूरा खेल योजनाबद्ध तरीके से संचालित किया जा रहा है, जिससे परीक्षाओं की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इस पूरे मामले की जानकारी जब राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र बहादुर सिंह तक पहुंची, तो उन्होंने इसे गंभीर मामला बताते हुए तत्काल संज्ञान लिया। कुलपति ने स्पष्ट किया है कि आरोपों की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है, जो अतरौली क्षेत्र के संबंधित महाविद्यालयों और परीक्षा केंद्रों की जांच करेगी।
कुलपति का कहना है कि यदि जांच में नकल या नकल कराने की पुष्टि होती है, तो दोषी महाविद्यालयों, केंद्राधीक्षकों और संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विश्वविद्यालय की छवि और छात्रों के भविष्य से कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।
कुलपति ने बताया कि उन्हें इस संबंध में सूचना मिली है, जांच समिति गठित कर दी गई है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।)
फिलहाल, इस पूरे मामले के सामने आने के बाद छात्रों और अभिभावकों में भी नाराजगी देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि नकल माफिया के कारण ईमानदारी से परीक्षा देने वाले छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है।
अब इस मामले में सबकी निगाहें विश्वविद्यालय प्रशासन पर टिकी हैं कि नकल माफिया पर किस तरह से नकेल कसी जाती है और क्या वास्तव में दोषी महाविद्यालयों पर ठोस कार्रवाई होती है या नहीं।
यह आने वाला समय ही बताएगा कि विश्वविद्यालय अपने नकल-विहीन परीक्षा के दावों पर कितना खरा उतरता है।
BYTE – प्रो. नरेंद्र बहादुर सिंह, कुलपति, राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, अलीगढ़
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