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Radha Madhav Katha, Deoria : देवरिया में तीन दिवसीय श्रीराधा माधव कथा, श्रीजी देवी माहेश्वरी करेंगी वाचन

वृन्दावन की सुप्रसिद्ध कथावाचक श्रीजी देवी माहेश्वरी प्रस्तुत करेंगी राधा-माधव की मधुर लीलाओं की रसामृत कथा, युवा पीढ़ी को आध्यात्मिक चेतना से जोड़ेगी”

तीन दिवसीय धार्मिक कथा का भव्य आयोजन देवरिया में, वृन्दावन की सुप्रसिद्ध कथावाचक श्रीजी देवी माहेश्वरी होंगी मुख्य वक्ता देवरिया में आगामी 15, 16 और 17 तारीख को एक विशेष धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन होने जा रहा है। “श्रीराधा माधव रसामृत कथा एवं भक्ति संध्या” नामक यह तीन दिवसीय कार्यक्रम न केवल देवरिया जिले के लोगों के लिए बल्कि पूरे पूर्वांचल क्षेत्र के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर सिद्ध होगा। इस आयोजन की खासियत यह है कि इसे वृन्दावन की सुप्रसिद्ध कथावाचक श्रीजी देवी माहेश्वरी द्वारा संचालित किया जाएगा। वे श्री राधा माधव की मधुर लीलाओं का वाचन करेंगे और भक्तों को रसामृत कथा के माध्यम से आध्यात्मिक अनुभूति का अनुभव कराएँगी।

कार्यक्रम का महत्व और उद्देश्य
आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज के प्रत्येक वर्ग, विशेषकर युवा पीढ़ी को आध्यात्मिक चेतना, सांस्कृतिक मूल्यों और सनातन धर्म की शिक्षाओं से जोड़ना है। आज के समय में जब युवा विविध आधुनिक प्रवृत्तियों और तकनीकी बदलावों के प्रभाव में हैं, ऐसे में यह कथा उन्हें जीवन में सही दिशा, संयम और नैतिक मूल्यों की ओर मार्गदर्शन करेगी। यह आयोजन हिंदू समाज को एकजुट करने, संस्कार और सद्भावना के संदेश को फैलाने का माध्यम भी साबित होगा।

आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव
तीन दिवसीय कथा में भाग लेने वाले श्रद्धालु न केवल भगवान राधा-माधव की लीलाओं का रस प्राप्त करेंगे, बल्कि उन्हें धर्म, भक्ति और जीवन के उच्च मूल्यों के महत्व का भी सजीव अनुभव होगा। श्रीजी देवी माहेश्वरी अपने कथन में भाव और रस के अद्भुत मिश्रण से कथा को जीवंत बनाती हैं। उनके माध्यम से भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा और मानसिक शांति की अनुभूति होगी, जो जीवन की रोजमर्रा की व्यस्तताओं और तनाव से मुक्त होने में सहायक होगी।

कार्यक्रम की रूपरेखा
इस भव्य आयोजन में प्रत्येक दिन अलग-अलग भक्ति संध्या और कथा का आयोजन किया जाएगा। पहले दिन की कथा में भगवान श्री राधा-माधव के बाल्यकाल और वृन्दावन में उनके लीलाओं का वर्णन किया जाएगा। दूसरे दिन की कथा में मधुर रस और भक्ति भाव से भरपूर लीलाओं का रस प्रस्तुत किया जाएगा। तीसरे और अंतिम दिन में कथा का समापन भव्य भजन, आरती और संध्या के साथ होगा, जिसमें उपस्थित भक्तजन भक्ति रस में डूबकर आध्यात्मिक आनंद का अनुभव करेंगे।

आयोजन का सामाजिक संदेश
यह कथा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य समाज में सकारात्मक ऊर्जा और नैतिक मूल्यों को स्थापित करना भी है। अध्यात्मिक शिक्षा ही वह शक्ति है, जो व्यक्ति और समाज को संयम, सद्भाव, नैतिकता और राष्ट्रभावना से जोड़ती है। आयोजनकर्ता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि आज के समय में युवा पीढ़ी को धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना से जोड़ना बेहद आवश्यक है, ताकि वे अपने जीवन में सही मार्ग पर चल सकें और समाज के विकास में योगदान दे सकें।

आयोजक का बयान
आयोजन कर्ता ने बताया कि इस कथा का आयोजन हर उम्र के लोगों के लिए खुला है और सभी भक्तगण इसे अपने परिवार और समाज के साथ अनुभव कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के धार्मिक कार्यक्रम समाज में भाईचारे, प्रेम, सद्भावना और सांस्कृतिक जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

भविष्य की योजना
आयोजक ने यह भी संकेत दिया कि देवरिया में ऐसे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग सनातन मूल्यों, भक्ति और आध्यात्मिक शिक्षा से जुड़ सकें। उन्होंने सभी भक्तों से आग्रह किया है कि वे इस तीन दिवसीय कथा में अवश्य भाग लें और अपने जीवन में आध्यात्मिकता और भक्ति के महत्व को समझें।

देवरिया में आयोजित यह तीन दिवसीय “श्रीराधा माधव रसामृत कथा एवं भक्ति संध्या” न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह समाज में नैतिकता, सांस्कृतिक चेतना और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करने वाला एक उत्कृष्ट प्रयास भी है। श्रद्धालु इस आयोजन में भाग लेकर भगवान राधा-माधव के अद्भुत रस का अनुभव प्राप्त करेंगे और जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे।

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