गंगा–जमुनी तहज़ीब का प्रतीक “तकिया मेला” शुरू, पूजा और चादरपोशी के साथ हुई परंपरागत शुरुआत

उन्नाव। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में हिंदू–मुस्लिम एकता और सामाजिक सौहार्द की प्रतीक परंपरा “तकिया मेला” का इस वर्ष भी भव्य आगाज़ हुआ। परंपरा के अनुसार मेले का शुभारंभ सहस्त्रलिंगेश्वर धाम में पूजा-अर्चना और मोहब्बतशाह की मजार पर चादरपोशी के साथ किया गया, जिसने एक बार फिर उन्नाव की गंगा–जमुनी तहज़ीब को जीवंत कर दिया।
बीघापुर तहसील क्षेत्र के तकिया मेला प्रांगण में आयोजित यह ऐतिहासिक मेला हर वर्ष हजारों लोगों की आस्था और आकर्षण का केंद्र रहता है।
चार सौ साल पुरानी परंपरा हुई जीवंत
करीब 400 वर्षों से चली आ रही यह परंपरा आज भी सांप्रदायिक एकता और धार्मिक सौहार्द का प्रतीक बनी हुई है। मेले का उद्घाटन भाजपा विधायक आशुतोष शुक्ला, जिलाधिकारी गौरांग राठी और पुलिस अधीक्षक जे.पी. सिंह ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम की शुरुआत सहस्त्रलिंगेश्वर धाम में पूजा-अर्चना से हुई, जिसके बाद अधिकारी और जनप्रतिनिधि मोहब्बतशाह की मजार पर पहुंचे और चादर चढ़ाकर मेले की औपचारिक शुरुआत की।
डीएम गौरांग राठी ने कहा—
“यह परंपरा चार सौ साल से भी अधिक पुरानी है और गंगा-जमुनी तहज़ीब का अनुपम उदाहरण है। प्रशासन ने सुरक्षा और स्वच्छता की पूरी व्यवस्था की है ताकि श्रद्धालु व आगंतुक सुरक्षित और सुखद वातावरण में मेले का आनंद ले सकें।”
मेले में उमड़ा जनसैलाब, खाजा और लकड़ी के सामान आकर्षण का केंद्र
तकिया मेला अपनी लकड़ी की कारीगरी, मवेशी बाजार, और खाजा (पारंपरिक मिठाई) के लिए पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध है। ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहर तक के लोग मेले में शामिल होने पहुंचे।
आयोजकों के अनुसार, यह मेला लगभग 15 दिनों तक चलेगा, जिसमें धार्मिक अनुष्ठान, लोक कार्यक्रम और व्यापारिक गतिविधियाँ देखने को मिलेंगी।
सुरक्षा और स्वच्छता के सख्त इंतज़ाम
प्रशासन ने मेले के दौरान सुरक्षा, ट्रैफिक प्रबंधन और स्वच्छता के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं। पुलिस बल को तैनात किया गया है, वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीमों को भी मुस्तैद रखा गया है।
जिलाधिकारी गौरांग राठी ने कहा कि यह मेला न केवल परंपरा का उत्सव है बल्कि सद्भाव और एकता का प्रतीक भी है।
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal