सांसद अशोक रावत के बयान पर सुभासपा कार्यकर्ताओं का फूटा गुस्सा, कलेक्ट्रेट पहुंचकर किया विरोध प्रदर्शन

हरदोई। जनपद हरदोई में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद अशोक रावत के एक बयान को लेकर सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध जताया। कार्यकर्ताओं ने सांसद पर इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर रोष प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपा।
दरअसल, सांसद अशोक रावत ने संसद के पटल पर अपने भाषण के दौरान महाराजा सल्हीय सिंह अर्कवंशी, महाराजा मल्हीय सिंह अर्कवंशी और महाराजा सुहेलदेव राजभर को पासी समाज के नेता के रूप में संबोधित किया था। इस बयान के बाद सुभासपा कार्यकर्ताओं में गहरा असंतोष फैल गया।
अर्कवंशी समाज का अपमान बताकर जताया विरोध
सुभासपा नेताओं का कहना है कि उक्त तीनों महापुरुष अर्कवंशी समाज के गौरव थे और उन्हें किसी अन्य समाज से जोड़ना इतिहास के साथ खिलवाड़ है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता सुनील अर्कवंशी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने मांग की कि सांसद अशोक रावत संसद के पटल से अपने बयान को वापस लें और सार्वजनिक माफी मांगें।
सुभासपा की चेतावनी — माफी नहीं मांगी तो होगा राजनीतिक विरोध
प्रवक्ता सुनील अर्कवंशी ने कहा—
“यदि सांसद अशोक रावत ने जल्द माफी नहीं मांगी तो आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिलने देंगे। और यदि टिकट मिला भी, तो अर्कवंशी समाज उन्हें जीतने नहीं देगा।”
इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और सांसद के बयान को समाज की अस्मिता पर प्रहार बताया।
प्रशासन को सौंपा गया ज्ञापन
सुभासपा नेताओं ने जिला प्रशासन से मांग की कि सांसद के बयान की जांच कराई जाए और संसद के अभिलेखों से विवादित अंश हटवाया जाए। उन्होंने कहा कि अर्कवंशी समाज का इतिहास गौरवशाली रहा है और किसी भी कीमत पर उसके साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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