लोकेशन: अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)
स्लग: आशाओं ने मानदेय और स्थाई नौकरी की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन, जिला अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
एंकर:
अलीगढ़ में आशा कार्यकर्ताओं ने आज कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। अपनी मानदेय वृद्धि और स्थाई नौकरी की मांग को लेकर सैकड़ों आशाओं ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की। आशाओं का कहना है कि सरकार भले ही महिला सशक्तिकरण की बात करती है, लेकिन जो महिलाएं ज़मीन पर स्वास्थ्य सेवाएं दे रही हैं, उन्हें आज भी उचित मानदेय और सम्मान नहीं मिल रहा है।
रिपोर्ट:
अलीगढ़ जिला कलेक्ट्रेट पर शुक्रवार को आशा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान आशाओं ने सरकार से अपने मानदेय को बढ़ाने और उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग की।
आशाओं ने कहा कि उन्हें सरकार की तरफ से जो मानदेय दिया जाता है, वह बेहद कम है — जबकि उनसे 24 घंटे सेवा की अपेक्षा की जाती है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं, नवजात बच्चों और स्वास्थ्य योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर लागू करने में आशाएं अहम भूमिका निभा रही हैं, फिर भी उन्हें न तो सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलता है और न ही स्थायी नौकरी की गारंटी।
प्रदर्शन के दौरान आशाओं ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे कार्य बहिष्कार कर उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगी।
इस दौरान जिला अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर सरकार से मांग की गई कि सभी आशाओं को नियमित राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए, उनके मानदेय को बढ़ाया जाए और उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में शामिल किया जाए।
आशाओं का कहना था कि वे वर्षों से जनता की सेवा कर रही हैं — कोरोना काल में फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में अपनी जान की परवाह किए बिना काम किया, लेकिन सरकार ने आज तक उनके योगदान को सही मान्यता नहीं दी।
बाइट:
(बाइट – आशा कार्यकर्ता)
“हम दिन-रात काम करते हैं, गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाना हो या टीकाकरण कार्यक्रम चलाना, हर जगह हमारी ड्यूटी रहती है। लेकिन हमें जो मानदेय मिलता है, वह बहुत कम है। हम चाहते हैं कि हमें भी सरकारी कर्मचारी की तरह स्थाई किया जाए और वेतन बढ़ाया जाए।”
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