कुशीनगर (उत्तर प्रदेश):
कुशीनगर जिले में गुरुवार की रात एक भीषण सड़क हादसे ने छठ पर्व की खुशियों को मातम में बदल दिया। हरियाणा के गुड़गांव से बिहार जा रही एक लक्ज़री बस एनएच-28 पर हाटा थाना क्षेत्र के थरूआडीह के पास खड़े कंटेनर से टकरा गई। हादसा रात लगभग साढ़े नौ बजे हुआ, जब ज्यादातर यात्री स्लीपर सीटों पर सो रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मां काली ट्रांसपोर्ट की बस (नंबर UP81 CT1696) तेज गति से चल रही थी और तभी वह सड़क किनारे खड़े एक कंटेनर (नंबर BR 28 GB 4857) से जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और अगला पहिया टूटकर अलग जा गिरा। हादसे के बाद बस के भीतर अफरा-तफरी मच गई और यात्रियों की चीख-पुकार से पूरा इलाका गूंज उठा।
स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से सभी घायलों को बस से बाहर निकाला गया। चार यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग मामूली से लेकर मध्यम रूप से घायल बताए जा रहे हैं। घायलों को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हाटा भेजा गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से घायल यात्रियों को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
डॉ. अमित कुमार, जो मौके पर तैनात थे, ने बताया कि चार लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। गंभीर रूप से घायल यात्रियों में एक 50 वर्षीय महिला, जिसकी टक्कर में पैर कट गया, एक 16 वर्षीय किशोरी, जिसका हाथ गंभीर रूप से जख्मी हुआ, और एक पुरुष यात्री, जिसका पैर टूट गया, शामिल हैं।
बस में सवार सभी यात्री बिहार के विभिन्न जिलों — गया, छपरा, सीवान और समस्तीपुर — के रहने वाले थे, जो छठ पर्व मनाने अपने घर लौट रहे थे। जानकारी के मुताबिक, गुड़गांव से बिहार जाने के लिए प्रति यात्री ₹2500 किराया लिया गया था।
स्थानीय लोगों ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि थरूआडीह के इसी स्थान पर दो दिनों के भीतर यह दूसरी बड़ी सड़क दुर्घटना है। लोगों ने सवाल उठाया कि हाईवे पर खड़े ट्रकों और कंटेनरों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती, और आखिर इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है?
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यहां हर रात भारी वाहन खड़े रहते हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है। प्रशासन को कई बार बताया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।”
हादसे के बाद हाटा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर यातायात सामान्य कराया और ट्रक को किनारे हटवाया। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कुशीनगर में पिछले 18 घंटे के भीतर यह दूसरी बड़ी सड़क दुर्घटना है, जिसने एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और ट्रांसपोर्ट विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय यात्री की बाइट:
“हम सब सो रहे थे, अचानक जोरदार धमाका हुआ। सब चीखने लगे। किसी का पैर फंसा था, किसी को सिर पर चोट लगी। हम सोच भी नहीं सकते थे कि छठ मनाने घर जाने का सफर इतना डरावना हो जाएगा।”
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