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दलित उत्पीड़न पर भड़के राहुल गांधी: ‘न्याय तो दीजिए!’ – फतेहपुर में हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मिले, सरकार पर लगाया ‘अत्याचार न रोक पाने’ का आरोप

उत्तर प्रदेश में रायबरेली के ऊंचाहार में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मारे गए दलित युवक हरिओम वाल्मीकि के परिवार से शुक्रवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मुलाकात की। यह मुलाकात कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच हुई, क्योंकि शुरू में परिवार ने राहुल गांधी से मिलने से इंकार कर दिया था। बाद में प्रशासन की अनुमति और समझाने के बाद परिवार ने बातचीत के लिए हामी भरी।

हरिओम वाल्मीकि के परिजनों से मिलते राहुल गांधी - फोटो
हरिओम वाल्मीकि के परिजनों से मिलते राहुल गांधी – फोटो

✦ राहुल गांधी का दर्द और बयान

फतेहपुर पहुंचने के बाद राहुल गांधी ने कहा,

“अपराध इस परिवार ने नहीं किया है, अपराध इनके खिलाफ किया गया है। लेकिन इन लोगों को ऐसा महसूस कराया जा रहा है जैसे ये अपराधी हों। इन्हें डराया जा रहा है, घर में बंद रखा जा रहा है। ये केवल न्याय मांग रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा,

“मुख्यमंत्री जी से मैं कहना चाहता हूं कि इन लोगों को न्याय दीजिए, इनका सम्मान कीजिए। जो अपराधी हैं, उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई कीजिए और उनकी रक्षा मत कीजिए। परिवार मुझसे मिले या ना मिले, यह जरूरी नहीं है, लेकिन न्याय मिलना जरूरी है।”

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि हाल ही में एक दलित अधिकारी की आत्महत्या हुई थी, वे वहां भी गए थे और अब हरिओम के परिवार से मिलने आए हैं — “देश में दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी और न्याय के लिए लड़ाई लड़ेगी।”

✦ परिवार ने पहले किया था मुलाकात से इंकार

सुबह जब राहुल गांधी का काफिला फतेहपुर पहुंचा, तो हरिओम के परिवार ने पहले उनसे मिलने से इनकार कर दिया था। हरिओम के भाई शिवम वाल्मीकि ने कहा,

“हम सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट हैं। हत्यारों को जेल भेज दिया गया है और बहन को नौकरी भी दी गई है। हम किसी तरह की राजनीति नहीं चाहते।”

परिवार का यह रुख देखने के बाद पुलिस ने राहुल गांधी का काफिला कुछ देर के लिए रोक दिया था। बाद में प्रशासन की पहल और स्थानीय कांग्रेस नेताओं के अनुरोध पर परिवार ने मुलाकात के लिए सहमति दी।

हरिओम की मां
हरिओम की मां

✦ कांग्रेस का आरोप — “परिवार पर दबाव बनाया गया”

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव विवेकानंद पाठक ने आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन ने परिवार पर दबाव बनाया ताकि वे राहुल गांधी से न मिलें।

“यह बीजेपी और उत्तर प्रदेश सरकार की ओछी राजनीति है। कोई किसी के दुख में शामिल होने आए और उसे रोका जाए — यह बेहद शर्मनाक है,” उन्होंने कहा।

✦ प्रशासन की त्वरित कार्रवाई — बहन को नौकरी

हरिओम वाल्मीकि की मौत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिला प्रशासन ने त्वरित कदम उठाए। मृतक की बहन कुसुम देवी को अमर शहीद जोधा सिंह अटैया ठाकुर दरियाव सिंह चिकित्सा महाविद्यालय, फतेहपुर में आउटसोर्स स्टाफ नर्स के रूप में नियुक्ति दी गई है।
यह कदम सरकार की संवेदनशीलता और मामले में त्वरित कार्रवाई के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

✦ राहुल गांधी के जाने के बाद बढ़ा प्रशासनिक पहरा

राहुल गांधी की मुलाकात के बाद भी मृतक के घर और गांव में प्रशासनिक सतर्कता बनी रही। गांव के बाहर पुलिस बल की तैनाती जारी है और अधिकारियों का आना-जाना लगा हुआ है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने निगरानी बढ़ाई है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

✦ घटना की पृष्ठभूमि

रायबरेली के ऊंचाहार में 2 अक्टूबर को हरिओम वाल्मीकि की भीड़ ने ‘चोर समझकर’ पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
इस घटना ने राज्यभर में दलित समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया और जांच तेज कर दी है।


📰 निष्कर्ष

हरिओम वाल्मीकि हत्याकांड केवल एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक विमर्श का केंद्र बन चुका है।
जहां राहुल गांधी जैसे विपक्षी नेता इसे “दलितों पर बढ़ते अत्याचार” से जोड़ रहे हैं, वहीं योगी सरकार अपनी त्वरित कार्रवाई और संवेदनशील रुख पर जोर दे रही है।
अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में न्याय प्रक्रिया कितनी पारदर्शी और निष्पक्ष रहती है।

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