बहराइच। जिले के कैसरगंज थाना क्षेत्र के मझारा तौकली भिरगू पुरवा और आस-पास के गाँवों में पिछले एक महीने से अधिक समय से दहशत का पर्याय बना आदमखोर भेड़िया आखिरकार मारा गया है। घाघरा नदी के घने कछार में इस खूनी भेड़िये के मरने की आशंका जताई जा रही है, जिसे चार दिन पूर्व पकड़ने या गोली मारने की कार्रवाई के दौरान गोली लगी थी।
वन विभाग और स्थानीय प्रशासन के लिए सिरदर्द बन चुके इस भेड़िये के हमले में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी थी, जिनमें मासूम बच्चे भी शामिल थे। इसके अलावा, 9 सितंबर से लेकर अब तक यह खूंखार जानवर 38 लोगों को घायल कर चुका था, जिससे इलाके के ग्रामीणों में भारी भय और आक्रोश व्याप्त था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कैसरगंज के मंझारा तौकली क्षेत्र में इस आतंक को खत्म करने के लिए प्रशासन की ओर से भेड़िये को पकड़ने अथवा ‘देखते ही गोली मारने’ के सख्त निर्देश जारी किए गए थे। भिरगू पुरवा गांव के पास वन विभाग की टीम ने कुछ दिन पहले भेड़िये को घेरने और पकड़ने का प्रयास किया था, लेकिन वह चकमा देकर घाघरा के कछार में भाग गया था। इसी कार्रवाई के दौरान उसे गोली लगी थी।
गोली लगने के बाद से ही वन विभाग की टीमें ड्रोन और ट्रैकिंग कैमरों की मदद से घायल भेड़िये की तलाश कर रही थीं। घाघरा के घने कछार में भेड़िये के पगमार्ग (पंजों के निशान) मिले हैं, जिससे यह प्रबल आशंका जताई जा रही है कि गंभीर रूप से घायल भेड़िये की वहीं मौत हो चुकी है। भेड़िये के मारे जाने की खबर से कैसरगंज और आस-पास के कई गाँवों के लोगों ने अब जाकर राहत की साँस ली है। हालांकि, वन विभाग ने अभी भी ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील की है।
इस पूरे क्षेत्र में भेड़िये के आतंक को देखते हुए स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संज्ञान लिया था और वन विभाग को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कार्रवाई एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। भेड़िये के शव की तलाश जारी है, जिसके बाद उसका पोस्टमार्टम कर मौत के कारणों की आधिकारिक पुष्टि की जाएगी।
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