कन्नौज। गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के देवीपुरवा गांव में पुलिस के डर से काली नदी में कूदे 17 वर्षीय धर्मवीर पाल की तलाश दूसरे दिन भी जारी है। इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश सरकार हरकत में आई है। रविवार को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण स्वयं मौके पर पहुंचे और पीड़ित किशोर के परिजनों से मुलाकात की।
मंत्री असीम अरुण के साथ कानपुर रेंज के डीआईजी हरीश चंदर और जिलाधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने परिवार से विस्तार से बातचीत की और पूरी घटना की जानकारी ली। परिजनों ने पुलिस की ज्यादती और भय का दर्द साझा किया, जिस पर मंत्री ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
मंत्री ने कहा कि इस घटना में दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच में दोष सिद्ध होने पर निलंबित पुलिसकर्मियों को पुलिस सेवा से भी हटाया जाएगा।
असीम अरुण ने पीड़ित परिवार के पुनर्वास की दिशा में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि परिवार को 5 बीघा कृषि पट्टा, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर, वृद्धावस्था पेंशन और बाल्य सेवा योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री राहत कोष से भी परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया गया।
डीआईजी हरीश चंदर ने मौके पर ही सर्च ऑपरेशन का जायजा लिया और गोताखोरों की टीम को नदी की धारा में किशोर की तलाश तेज करने के निर्देश दिए। फिलहाल स्थानीय पुलिस, एनडीआरएफ और गोताखोरों की टीम लगातार किशोर की तलाश में जुटी हुई है।
गौरतलब है कि गुरुवार को पुलिस की कार्रवाई से भयभीत होकर धर्मवीर पाल काली नदी की ओर भाग गया था और वहीं उसने नदी में छलांग लगा दी थी। ग्रामीणों और पुलिस ने मिलकर उसकी तलाश शुरू की, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी किशोर का कोई सुराग नहीं लग सका है।
मंत्री के दौरे के बाद इलाके में यह उम्मीद जगी है कि पीड़ित परिवार को न्याय और राहत दोनों मिलेंगे, वहीं सरकार के स्तर पर पुलिस सुधार और जवाबदेही की मांग भी तेज हो गई है।
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