हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और एडीजीपी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या मामले में नई जांच का रास्ता साफ हो गया है। चंडीगढ़ पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया है। इस छह सदस्यीय टीम की अध्यक्षता चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार करेंगे।
मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने वीरवार रात को सुसाइड नोट के आधार पर एफआईआर दर्ज की थी। हालांकि, मृतक अधिकारी की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ने इस एफआईआर को अधूरा बताया है। उन्होंने महिला एसएसपी कंवरदीप कौर को पत्र लिखकर मामले में आवश्यक पहलुओं की उपेक्षा का आरोप लगाया।
परिवार की ओर से अभी तक पोस्टमार्टम नहीं करवाने का निर्णय लिया गया है। आईपीएस वाई पूरण कुमार के भाई और आईएएस डी सुरेश ने विदेश से लौटकर सेक्टर-9 पुलिस मुख्यालय में चंडीगढ़ के डीजीपी डॉ. सागर प्रीत हुड्डा से मुलाकात की। परिवार ने कहा कि जब तक हरियाणा डीजीपी और एसपी रोहतक को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक पोस्टमार्टम नहीं करवाया जाएगा। डीजीपी ने जवाब में कहा कि मामले में निष्पक्ष जांच के लिए आईजी की अध्यक्षता में SIT का गठन किया गया है।
इसी बीच, हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने आईएएस अमनीत पी कुमार से उनके आवास पर मुलाकात कर संवेदना जताई। इस मुलाकात में आईएएस राज शेखर वुडरू भी मौजूद रहे। दोनों ने लगभग डेढ़ घंटे तक परिवार के साथ बातचीत की और मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज हुई है। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा ने आईएएस अमनीत पी कुमार से मुलाकात कर आरोप लगाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार इस मामले में लीपा पोती कर रही है। उन्होंने कहा कि इनेलो इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है। वहीं, पूर्व मंत्री गीता भुक्कल ने भी निष्पक्ष जांच की मांग की और सरकार पर कार्रवाई में देरी का आरोप लगाया।
सुरक्षा को लेकर भी कदम उठाए गए हैं। चंडीगढ़ पुलिस ने आईएएस अमनीत पी कुमार के सेक्टर-24 स्थित सरकारी आवास के बाहर अस्थायी चेकपोस्ट लगाकर सुरक्षा बढ़ा दी है। परिवार ने सुरक्षा बढ़ाने की विशेष मांग की थी।
इस तरह मामला अभी भी संवेदनशील और विवादास्पद बना हुआ है। SIT की जांच से ही अब वास्तविक तथ्यों का खुलासा संभव हो सकेगा।
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal