झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। यहां एक दादा ने अपने ही आठ साल के मासूम पोते की गला दबाकर हत्या कर दी। वजह इतनी मामूली कि सुनकर हर कोई सन्न रह गया — पोते ने दादा की जेब से मात्र 100 रुपये निकाल लिए थे। गुस्से में आकर दादा ने अपने वंश की ही डोर हमेशा के लिए काट दी। हत्या के बाद वह लाश को भूसे के ढेर में छिपाकर खुद पुलिस के साथ उसकी तलाश का नाटक करता रहा।
🔹 मामूली पैसों पर गया मासूम का जीवन
जानकारी के मुताबिक, यह दर्दनाक घटना झांसी जिले के एक गांव की है। आरोपी सरवन (50 वर्ष) दिहाड़ी मजदूरी और बकरियां चराने का काम करता था। उसके परिवार में अक्सर जेब से पैसे निकल जाने की शिकायत रहती थी। कुछ रुपये वह अपनी जरूरतों के लिए जेब में रखता था, लेकिन बार-बार पैसा गायब हो जाने से वह बेहद परेशान रहने लगा था।
शनिवार को सरवन की जेब से फिर 100 रुपये गायब हो गए। उसे शक हुआ कि यह काम उसके पोते मुकेश (8 वर्ष) का है। गुस्से में भरे सरवन ने मुकेश से सवाल किया, जिस पर बच्चे के मासूम जवाब ने उसका आपा पूरी तरह खो दिया।
🔹 गुस्से में गला दबाया, फिर लाश भूसे में छिपाई
पुलिस के मुताबिक, सरवन ने गुस्से में आकर पोते का गला पकड़ लिया और इतनी जोर से दबाया कि मासूम की मौके पर ही मौत हो गई। जब उसे होश आया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डर के मारे सरवन ने लाश को घर के अंदर भूसे के ढेर में छिपा दिया और ऐसा दिखाने लगा मानो मुकेश कहीं लापता हो गया हो।
हत्या के बाद वह हमेशा की तरह बकरियां चराने निकल गया। शाम को जब मुकेश घर नहीं लौटा तो परिवार और ग्रामीण उसकी खोज में निकल पड़े। सरवन भी उन्हीं के साथ लग गया, मानो उसे कुछ पता ही न हो।
🔹 आठ घंटे तक चला खोज अभियान
मुकेश की तलाश करीब आठ घंटे तक चलती रही। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस और ग्रामीणों ने गांव से लेकर आस-पड़ोस तक खोजबीन की। थाना प्रभारी सरिता मिश्रा ने जब खुद घर की तलाशी लेने का फैसला किया, तब जाकर भूसे के ढेर में मासूम की लाश बरामद हुई।
लाश घर से ही मिलने पर पुलिस को पूरे परिवार पर शक हुआ। जांच के दौरान जब सरवन से सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने आखिरकार हत्या की बात कबूल कर ली। उसने बताया कि गुस्से में उसने मुकेश का गला दबा दिया था, लेकिन मारने का इरादा नहीं था।
🔹 पुलिस ने आरोपी दादा को किया गिरफ्तार
पुलिस ने सरवन को गिरफ्तार कर लिया है और उससे आगे की पूछताछ जारी है। क्षेत्राधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी मानसिक रूप से तनाव में था और उसके स्वभाव में पहले से ही गुस्सा भरा रहता था। गांव के लोगों के मुताबिक, सरवन का किसी से मेलजोल भी बहुत कम था।
🔹 मां का रो-रोकर बुरा हाल, गांव में मातम का माहौल
मुकेश अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उससे बड़ी एक बहन है। बेटे की मौत और उसमें भी अपने ससुर का हाथ होने की बात जानकर मां चंद्रमुखी का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोग भी इस घटना से दंग हैं। सबका कहना है कि दादा ने अपने ही वंश का गला घोंट दिया।
🔹 जांच टीम को मिला प्रशंसा
इस सनसनीखेज हत्या का खुलासा करने वाली पुलिस टीम में थाना प्रभारी सरिता मिश्रा, उपनिरीक्षक अखिलेश कुमार, विजय शंकर शुक्ला और भूमिराज सिंह शामिल रहे। पुलिस ने समय रहते मामले की सच्चाई सामने लाकर गांव में फैली अफवाहों पर रोक लगाई।
⚫ निष्कर्ष
यह घटना सिर्फ झांसी ही नहीं, पूरे प्रदेश को झकझोर देने वाली है। कुछ रुपयों के लालच और गुस्से के एक क्षण ने एक मासूम की जिंदगी छीन ली और एक परिवार को हमेशा के लिए तबाह कर दिया। गांव के लोग आज भी इस सवाल से जूझ रहे हैं — क्या सौ रुपये की कीमत एक बच्चे की जान से ज्यादा हो सकती है?
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