खेरागढ़ (आगरा): खेरागढ़ के कुसियापुर गांव में मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान एक दर्दनाक हादसा हो गया। उटंगन नदी में विसर्जन करते समय 13 युवक और किशोर गहरे पानी में समा गए। घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और परिजनों में कोहराम छा गया।
ग्रामीणों और स्थानीय प्रशासन की मदद से अब तक पांच शव बरामद किए जा चुके हैं। इनमें ओमपाल (25), गगन (24), मनोज, भगवती (22) और बचाए गए विष्णु (20) शामिल हैं। विष्णु को गंभीर हालत में आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
हादसा दोपहर 1 बजे हुआ, जब खेरागढ़ के कुसियापुर में चामड़ माता के मंदिर के पास दशहरा के अवसर पर स्थापित मां दुर्गा की 4 फुट ऊँची मूर्ति को नदी में विसर्जित किया जा रहा था। इस अवसर पर गांव के लगभग 40-50 पुरुष, महिलाएं और बच्चे नदी के पास जुटे थे।
हादसे का क्रम:
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विसर्जन के समय नदी के भीतर कई गड्ढे थे। मूर्ति को पानी में ले जाते समय सभी युवकों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ रखा था। इसी दौरान अचानक एक युवक का पैर फिसल गया, जिससे पीछे चल रहे अन्य लोग भी पानी में समा गए। कुल 9 युवक और 5 किशोर गहरे पानी में डूब गए।
घटना के तुरंत बाद कुछ बहादुर ग्रामीणों ने विष्णु को पानी से बाहर निकाला। पुलिस को सूचना मिलने के करीब डेढ़ घंटे बाद एसएसआई बिजेंद्र सिंह और अन्य पुलिसकर्मी पानी में छलांग लगाकर बचाव कार्य में जुटे। इस दौरान ओमपाल और गगन को बाहर निकाला गया, लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी।
सर्च ऑपरेशन और राहत कार्य:
पूरे गाँव में हादसे की खबर फैलते ही करुण क्रंदन गूँज उठी। लोगों ने रात भर सहायता और तलाश कार्य में भाग लिया। पुलिस, एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमें रातभर बचाव कार्य में लगी रहीं। शुक्रवार सुबह एनडीआरएफ की टीम ने भगवती पुत्र मुरारी लाल (22) का शव बरामद किया। अभी भी आठ युवक और किशोरों की तलाश जारी है, जिसके लिए सेना को बुलाया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि मूर्ति विसर्जन के लिए गहरे पानी में जाने का निर्णय साधारण सावधानी के बिना लिया गया। किनारे पर पानी कम होने के कारण शुरू में कोई खतरा नजर नहीं आया, लेकिन बीच में अचानक गड्ढे और गहरा पानी देख हादसा टलने का नाम नहीं ले सका।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया:
रातभर ग्रामीण गुस्से और दुख में थे। उन्होंने एसडीएम की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए। सुबह पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह ने मोर्चा संभाला और लोगों को संयम बरतने का निर्देश दिया। प्रशासन ने पानी के पास जाने पर रोक लगाई और बचाव कार्य में सहयोग बढ़ाने का निर्देश दिया।
इस दुखद घटना ने पूरे कुसियापुर गांव को शोक में डुबो दिया है। नदी में मूर्ति विसर्जन की परंपरा के दौरान सुरक्षा साधनों की कमी और नदी के गहरे गड्ढों ने यह हादसा अंजाम दिया।
अब तक की स्थिति:
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डूबे गए कुल युवक और किशोर: 13
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अब तक बरामद शव: 5
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गंभीर रूप से घायल: 1 (विष्णु)
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बाकी लापता: 8
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खोज और राहत कार्य में शामिल: पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना
ग्रामीण और प्रशासन दोनों मिलकर अब भी तलाश और बचाव कार्य जारी रखे हुए हैं। इस हादसे ने स्थानीय समुदाय में मातम और आस्था में सावधानी की आवश्यकता को उजागर किया है।
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