नई दिल्ली, 1 अक्टूबर 2025
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को इस प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए इसे लागू करने का निर्णय लिया।
इस बढ़ोतरी के बाद, एक जुलाई 2025 से देय महंगाई भत्ते की दर अब 55 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हो गई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान इस निर्णय की जानकारी दी और बताया कि इससे एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों को फायदा मिलेगा।
गत वर्ष दीवाली पर कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। वहीं, इस साल की पहली जनवरी से केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में दो प्रतिशत की वृद्धि की जा चुकी थी।
डीए/डीआर की दरों में बढ़ोतरी का पैटर्न
डीए/डीआर में वृद्धि आमतौर पर साल में दो बार – 1 जनवरी और 1 जुलाई से – की जाती है। हालांकि, पारंपरिक रूप से यह घोषणा होली और दीवाली जैसे त्योहारों के मौके पर भी की जाती रही है।
लेकिन कर्मचारी संगठनों का कहना है कि इस बार भी डीए/डीआर में बढ़ोतरी की घोषणा में कुछ महीनों की देरी हुई। इससे सरकारी कर्मचारियों को उनके भत्तों का एरियर बाद में मिलता है, जबकि सरकार को उस अवधि में जमा राशि पर अच्छा खासा ब्याज लाभ होता है।
कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एस.बी. यादव का कहना है कि महंगाई भत्ते में देरी से होने वाली घोषणा से सरकार को फायदा होता है। उन्होंने बताया कि सरकार को हजारों करोड़ रुपये का भार उठाना पड़ता है, इसलिए घोषणा में जानबूझकर 3-4 माह की देरी की जाती है।
अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDEF) के महासचिव और राष्ट्रीय परिषद (JCM) स्टाफ साइड के वरिष्ठ सदस्य सी. श्रीकुमार ने भी इस देरी की आलोचना की। उनका कहना है कि यदि नियमानुसार डीए और डीआर की वृद्धि समय पर – 1 जनवरी और 1 जुलाई से – की जाए, तो कर्मचारियों और पेंशनरों को समय पर लाभ मिल सकता है और सरकार पर आर्थिक बोझ भी नियंत्रित रहता है।
इस बढ़ोतरी के लागू होने के बाद, कर्मचारियों और पेंशनरों की जेब में सीधे तौर पर अतिरिक्त आय आएगी, जिससे महंगाई की मार को कुछ हद तक कम करने में मदद मिलेगी।
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