बलरामपुर ज़िले से एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की नहरबालागंज शाखा में करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला उजागर हुआ है। पुलिस ने इस मामले में तत्कालीन शाखा प्रबंधक महेश त्रिपाठी और उनके सहयोगी समरजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि दोनों ने मिलकर फर्जी लोन खाते खोलकर 12 करोड़ रुपये से अधिक का गबन किया।
पुलिस जांच में बड़ा खुलासा
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि महेश त्रिपाठी और समरजीत सिंह ने बैंक की प्रक्रिया का दुरुपयोग करते हुए दर्जनों फर्जी लोन खाते खोले।
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46 लोन खातों से करीब 8 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई।
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इसके अलावा 40 मुद्रा लोन खातों से लगभग 4 करोड़ रुपये का गबन किया गया।
इस तरह कुल 12 करोड़ 3 लाख रुपये की धोखाधड़ी की पुष्टि हुई है। बताया जा रहा है कि इस पूरी रकम को समरजीत सिंह की कंपनी पीएसपी कंस्ट्रक्शंस को पहुंचाया गया।
एसपी के निर्देश पर कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए बलरामपुर पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने एक विशेष टीम का गठन किया। टीम ने साक्ष्य जुटाने के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया।
बैंकिंग प्रणाली पर उठे सवाल
यह मामला न केवल बैंकिंग व्यवस्था की सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह आंतरिक कर्मचारियों की मिलीभगत से आम जनता की मेहनत की कमाई खतरे में पड़ सकती है। पुलिस की गिरफ्तारी के बाद अब पूरे घोटाले की परतें खुल रही हैं और संभावना है कि आगे और भी नाम इस जांच में सामने आएंगे।
स्थानीय स्तर पर हड़कंप
इस घोटाले के सामने आने के बाद बलरामपुर के स्थानीय व्यापारियों और आम जनता में आक्रोश देखने को मिल रहा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि बैंकिंग सिस्टम में इतनी बड़ी धोखाधड़ी लंबे समय तक बिना पकड़े कैसे चलती रही।
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