नेपाल में जिस राजा पृथ्वी नारायण शाह की तस्वीर सेना प्रमुख के पीछे दिखने पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं, वह कौन थे? नेपाल के हालिया प्रदर्शनों के बीच खास तौर पर पृथ्वी नारायण शाह की तस्वीर का दिखना किस तरह के संकेत देता है? इसके अलावा कैसे राजशाही के दौर में ही नेपाल संगठित हुआ था और इसका इतिहास कैसा रहा था? नेपाल में हालिया समय में राजशाही को लेकर बातें कैसे बढ़ी हैं? आइये जानते हैं…
नेपाल में सोमवार (8 सितंबर) को शुरू हुए हिंसक प्रदर्शन सेना की सक्रियता बढ़ने के बाद बुधवार तक शांत हो गए। इस आंदोलन की एक वजह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध हटवाने के साथ इन्हें लगाने वाली सरकार को हटाना भी था। प्रदर्शनकारी अपने इन दोनों ही मकसदों में सफल भी रहे। हालांकि, आंदोलन के दौरान कई हलकों से नेपाल की मौजूदा लोकतांत्रिक व्यवस्था में बदलाव की मांग उठी, जिसे लेकर संशय अभी भी जारी है। दरअसल, ऐसी ही कुछ मांगें इसी साल मार्च में भी उठी थीं, जब राजा ज्ञानेंद्र शाह के समर्थन में हुए रैली में हजारों लोगों ने एयरपोर्ट से लेकर राजा के आवास तक जुटाव किया था।
अब नेपाल में जेन जी यानी युवाओं के प्रदर्शन के शांत होने के बाद एक वाकये ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। दरअसल, नेपाल में जब प्रदर्शनों को शांत करने के बाद नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज सिगदेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया तो उनके पीछे (सिर के ठीक ऊपर) नेपाल के लोकप्रिय राजा पृथ्वी नारायण शाह की बड़ी सी तस्वीर देखी गई। इस वाकये से जुड़ी तस्वीरें, वीडियो जैसे ही वायरल हुए वैसे ही सोशल मीडिया पर हलचल मच गई। लोगों के बीच राजशाही और राजशाही की वापसी को लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं।
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal
पृथ्वी नारायण शाह का जन्म 7 जनवरी 1723 को गोरखा साम्राज्य में हुआ था। दरअसल, नेपाल हमेशा से एक संगठित देश नहीं था। इतिहास के पन्नों में झांके तो पता चलता है कि आज जिसे नेपाल के नाम से जाना जाता है, हिमालय की गोद में स्थित यह क्षेत्र 18वीं सदी के मध्य तक 52 स्वतंत्र रियासतों और साम्राज्यों में बंटा था। इनसे बनते थे दो संभाग- बैसी राज्य और चौबीसे राज्य। इसके अलावा तीन अलग सेन राज्य- मकवनपुर, बिजयपुर और चौदंदी तेराई मैदानी क्षेत्र को अपने नियंत्रण में रखते थे।