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‘ब्लैक रिबन बांधकर कोर्ट पहुंचें’, दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की सभी वकीलों से अपील

Lawyer Strike: दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने वकीलों से ब्लैक रिबन बांधकर अदालतों में पेश होने के लिए कहा है। यह कदम जिला अदालतों के वकीलों के साथ एकजुटता दिखाने और उनकी मांगों को समर्थन देने के लिए उठाया गया।

दिल्ली की जिला अदालतों में चल रहे विरोध प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सभी वकीलों से ब्लैक रिबन बांधकर अदालतों में पेश होने की अपील की है। यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली की सभी जिला अदालतों में हो रहा है।

अभी भी हड़ताल जारी है। यह कदम जिला अदालतों के वकीलों के साथ एकजुटता दिखाने और उनकी मांगों को समर्थन देने के लिए उठाया गया। वहीं दूसरी तरफ राउज एवेन्यू कोर्ट के बाहर वकीलों ने एलजी के पुतले के साथ मार्च किया और पंडित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग को कुछ देर के लिए बंद कर प्रदर्शन किया। 

जिला अदालतों में हड़ताल पर वकील
सभी जिला अदालतों में मंगलवार को चौथे दिन वकील हड़ताल पर रहे। इस कारण फरियादी और आरोपी परेशान रहे। इस दौरान अदालत में न जिरह हुई न ही किसी की जमानत हुई। वकीलों ने उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना की 13 अगस्त 2025 को जारी नोटिफिकेशन के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला लिया है।

इसके तहत पुलिस अधिकारियों को थाने से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में गवाही देने की अनुमति देता है। मंगलवार रात को हुई कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में हड़ताल को बुधवार को भी जारी रखने का निर्णय लिया गया। समिति ने घोषणा की कि अदालत परिसरों के बाहर प्रदर्शन भी किया जाएगा। साथ ही किसी भी सरकारी वकील, ईडी व सीबीआई अभियोजक और पुलिस अधिकारी (नायब अदालतों समेत) को भी अदालतों में पेश होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मंगलवार को तीस हजारी, रोहिणी, कड़कड़डूमा, द्वारका, साकेत, राउज एवेन्यू और पटियाला हाउस जिला अदालतों में कोई सुनवाई नहीं हुई। कई महत्वपूर्ण मामले, जैसे जमानत याचिकाएं, गवाही और क्रॉस-एग्जामिनेशन (जिरह) स्थगित कर दिए गए। इस दौरान अदालत परिसरों के बाहर वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किए। तीस हजारी और रोहिणी कोर्ट के बाहर सड़क जाम कर नारेबाजी की गई।

वकील कुणाल ढाकला ने बताया कि यह नोटिफिकेशन जनता के खिलाफ है। नई दिल्ली बार एसोसिएशन के सचिव तरुण राणा ने कहा कि यह हड़ताल वकीलों की नहीं, बल्कि न्याय व्यवस्था की रक्षा के लिए है। कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ ऑल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट्स बार एसोसिएशंस के प्रधान सचिव अनिल कुमार बसोया ने बताया कि नोटिफिकेशन न्यायिक स्वतंत्रता और निष्पक्ष सुनवाई के खिलाफ है।उन्होंने कहा कि यह नोटिफिकेशन 15 जुलाई 2024 के केंद्रीय गृह मंत्रालय के सर्कुलर का उल्लंघन करता है।

सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम गई
जिला अदालतों के वकीलों के विरोध प्रदर्शन के कारण सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम गई। कोर्ट परिसर के सामने वाली प्रमुख सड़कों पर वाहन चालकों को जाम की समस्या से जूझना पड़ा।

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