उत्तर प्रदेश पर चालू वित्त वर्ष में ऋण के नौ लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। हालांकि, राजकोषीय घाटे की स्थिति बेहतर बताई जा रही है। 
उत्तर प्रदेश में जहां बुनियादी और औद्योगिक विकास में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, वहीं विभिन्न संस्थाओं से लिए उधार का बोझ भी बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष में अब तक यूपी के प्रत्येक व्यक्ति पर करीब 37500 रुपये का ऋण है। पांच साल में यूपी पर उधार 6 लाख करोड़ से बढ़कर 9 लाख करोड़ होने का अनुमान है।
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