लखनऊ में किसान पथ पर हुए बस हादसे पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने दुर्घटनाग्रस्त बस के परमिट की जांच करने और नियमों का उल्लंघन करने वाली बसों के परमिट रद्द करने के भी निर्देश दिए हैं।
परिवहन मंत्री ने विभागीय उच्च अधिकारियों को निर्देश दिया कि दुर्घटनाग्रस्त बस को जारी स्पेशल परमिट की विभागीय जांच की जाए। उन्होंने कहा, जानकारी हुई है कि संबंधित बस का लीगल परमिट 22 अक्टूबर को ही समाप्त हो गया था।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि यात्रियों की पूर्ण सुरक्षा के दृष्टिगत बसों के फिटनेस, सेवा शर्तों व नियमों की अनदेखी न हो, जिससे दोबारा ऐसी घटना न होने पाए। उन्होंने दुर्घटना में मृत व्यक्तियों के प्रति गहरी शोक-संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की ईश्वर से प्रार्थना की।
परिवहन आयुक्त ने कहा, राज्य परिवहन प्राधिकरण को पत्र भेजा है कि जो भी वाहन सड़क का नियम न मानें, उनका परमिट निरस्त कर दिया जाए। वाहनों की जांच और निगरानी को और मजबूत करके घटनाओं पर अंकुश लगाएंगे।
लखनऊ होकर प्रतिदिन 250 बसों का आवागमन
निजी बसें नियमों को रौंदती हुई चल रही हैं, प्रतिदिन 250 बसों का लखनऊ होकर आवागमन है। इनमें कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट, आल इंडिया टूरिस्ट परमिट और स्टेज कैरिज परमिट की बसें शामिल हैं।
आमतौर पर बस का नंबर देखकर ही उसे आगे बढ़ा दिया जाता है, कई बार छिटपुट कार्रवाई में सामने आया कि ये बसें यात्रा कैसे करा रही। निजी बस मालिकों की पहुंच इतनी मजबूत है कि बसों को कुछ घंटे बाद ही छोड़ना पड़ता है। कुछ में जुर्माना जमा हुआ तो कई कोर्ट से आदेश ले आए। परिवहन अधिकारी अन्य वाहनों के जांच की खानापूरी करके इन बसों को रोकने-टोकने से बचते हैं।
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