Who Is Rubina Francis: मध्य प्रदेश की पैरालिमिक एथलीट रूबीना फ्रांसिस ने अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और गणतंत्र दिवस परेड 2025 के लिए विशेष आमंत्रित लोगों में से एक हैं।
Who Is Rubina Francis: मध्य प्रदेश की पैरालिमिक एथलीट और पदक विजेता, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, गणतंत्र दिवस परेड 2025 के लिए विशेष आमंत्रित लोगों में से एक हैं। यह विशेष अतिथि उन 10,000 लोगों में से हैं, जिन्हें 26 जनवरी 2025 को कर्तव्य पथ पर दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए आमंत्रित किया गया है। हाल ही में रुबीना ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में कांस्य पदक जीता था। रुबीना कई देशों में भारत का परचम लहरा चुकी हैं।
कौन हैं रूबीना फ्रांसिस?
रूबीना फ्रांसिस का जन्म मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुआ था। जन्म से ही रूबीना दाहिने पैर से दिव्यांग हैं। उनके पिता साइमन फ्रांसिस पेशे से एक मैकेनिक हैं। शुरुआत से परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। इसके कारण रुबीना को शारीरिक समस्याओं के साथ वित्तीय संकट भी काफी झेलना पड़ा।
2015 में शुरू किया था शूटिंग करियर
रूबीना ने एक मीडिया इंटरव्यू में बताया कि भोपाल जाने से पहले जबलपुर की एक एकेडमी में शूटिंग शुरू की। वे स्कूल में पढ़ाई के अलावा कुछ और करना चाहती थीं। गन फॉर ग्लोरी एकेडमी साल 2015 में उनके स्कूल में शूटिंग का विज्ञापन करने आई थी, तभी उन्होंने अपने पिता से कहा कि वह यह करना चाहती हैं। उन्होंने एकेडमी रजिस्ट्रेशन कराया और उनका चयन हो गया। इस तरह इस खेल में उनकी रुचि बढ़ी और उनके माता-पिता ने उनका समर्थन किया।
एकेडमी जाने के लिए पैसे नहीं थे
रूबीना के पिता ने काफी कठिनाइयों का सामना किया, क्योंकि रुबीना को जबलपुर में एकेडमी में ले जाने के लिए पेट्रोल का खर्च उठाने तक के पैसे नहीं थे। प्रैक्टिस सेशन के दौरान उनके पिता एकेडमी में दो बार आने-जाने का खर्च नहीं उठा सकते थे। यह देखते हुए उनकी मां ने जरूरतों को पूरा करने के लिए एक निजी अस्पताल में काम करना शुरू कर दिया। रुबीना के पिता की ग्वारीघाट रोड पर साइमन की बाइक रिपेयरिंग की दुकान नगर निगम द्वारा तोड़ दी गई थी। परिवार चलाने का एकमात्र साधन वही दुकान थी। ऐसे में एक समय परिवार को खाने की दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
स्टेट शूटिंग एकेडमी से शुरुआत
इन दिक्कतों का असर रुबीना की ट्रेनिंग पर पड़ा। एकेडमी का खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया था। फिर एमपी स्टेट शूटिंग एकेडमी भोपाल में एडमिशन मिला और बैंकॉक तक अपने खेल का जौहर दिखाया। रुबीना राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में 6 गोल्ड और एक सिल्वर मेडल हासिल कर चुकी हैं। कई इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भी हिस्सा लिया। रुबीना दुबई में इंटरनेशनल इवेंट में शामिल होने वाली सबसे कम उम्र की शूटर थीं।
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