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17-18 सेकेंड में दुश्मन को धूल चटा देगी ‘नाग’ मिसाइल, जानें क्या है एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल की खासियत?

Nag Missile Successfully Tests: राजस्थान के पोखरण में तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक गाइडेड नाग मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। तो आइए जानते हैं आखिर यह मिसाइल क्यों खास है?

Nag Missile Successfully Tests:(केजे श्रीवत्सन) मकर संक्रांति के पर्व पर भारतीय सेना के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। तीसरी पीढ़ी की स्वदेशी मिसाइल नाग का परीक्षण सफल साबित हुआ है। इसी के साथ भारतीय सेना के खाते में एक और खतरनाक मिसाइल का नाम शामिल हो गया है। यह परीक्षण राजस्थान के पोखरण में हुआ। रक्षा मंत्रालय ने भी नाग मिसाइल के सफल परीक्षण की पुष्टि की है।

रक्षा मंत्रालय ने किया ट्वीट

रक्षा मंत्रालय ने नाग मिसाइल के परीक्षण का वीडियो शेयर करते हुए बताया कि तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक फायर गाइडेड स्वदेशी नाग एमके 2 मिसाइल का पोखरण में सफल परीक्षण हुआ। वहीं DRDO ने भी अपने ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल पर इस खुशशबरी को साझा किया है।

6 फीट की मिसाइल

बता दें कि जैसलमेर के पोखरण में इस मिसाइल के फायरिंग रेंज में 3 परीक्षण किए गए हैं और तीनों ही परीक्षण सफल रहे हैं। 300 करोड़ की लगात से बनी इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है। 6 फीट की इस मिसाइल का वजन लगभग 45 किलोग्राम है।

क्यों खास है नाग मिसाइल?

नाग मिसाइल फायर एंड फॉरगेट तकनीक पर आधारित है, जो पलक झपकते ही दुश्मन का काम तमाम करने में सक्षम है। इसमें मौजूद इंफ्रारेड तकनीक लॉन्च से पहले टारगेट को लॉक कर लेती है और तेजी से उसका खात्मा कर देती है। इस मिसाइल की स्पीड 230 मीटर प्रति सेकेंड है, जो 4 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन को भी धूल चटाने की ताकत रखती है। महज 17-18 सेकेंड में यह मिसाइल दुश्मन को नेस्तानाबूद कर सकती है।

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