Haryana UP Border Village : हरियाणा यूपी सीमा पर बसे गांव के रास्ते बंद कर दिए गए, जहां 100 से ज्यादा परिवार रहते हैं। ग्रामीणों को हरियाणा जाने के लिए यमुना नदी पैदल पार करना पड़ता है। इसके पीछे की वजह सहारनपुर प्रशासन का तुगलकी फरमान है।
Haryana UP Border Village (तिलक भारद्वाज) : हरियाणा-यूपी बॉर्डर पर बसे गांव पौबारी को लेकर सहारनपुर जिले का तुगलकी फरमान जारी किया गया है। अगर यूपी में हरियाणा के इस गांव का अतिक्रमण है तो उसे तुरंत हटा दो। महिलाएं हो या बच्चे, कोई फर्क नहीं पड़ता। इस फरमान के बाद उत्तर प्रदेश प्रशासन ने पौबारी गांव के यूपी जाने वाले रास्ते बंद किए। अब अगर ग्रामीणों को हरियाणा आना है तो उन्हें पैदल यमुना नदी पार करना पड़ता है।
हरियाणा के जिला यमुनानगर का पौबारी गांव है। इस गांव के लोग यूपी के सहारनपुर जिले से होकर हरियाणा आते-जाते हैं। यमुना नदी के तट पर बसे इस गांव पौबारी में लगभग 100 परिवार रहते हैं। अब इस गांव को यमुना नदी की नहीं सहारनपुर जिले की मार झेलने पड़ रही है। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले अवैध खनन से भरी ट्रॉली के नीचे आने से एक महिला की मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही इस पूरे मामले का गुस्सा गांव पौबारी के लोगों पर उतरा।
जब सहारनपुर के डीएम गांव पौबारी में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि गांव का कुछ हिस्सा यूपी की सीमा में भी आ रहा है। इस दौरान डीएम ने कहा कि यूपी सीमा में इस गांव के अतिक्रमण को तुरंत हटा दिया जाए। घरों में महिलाएं रहती हैं या फिर बच्चे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। हालांकि, डीएम ने ग्रामीणों को कुछ दिन का समय दिया है, लेकिन जाते-जाते डीएम साहब ने पौबारी गांव के रास्ते ही बंद कर दिए। पौबारी गांव के साथ लगते उत्तर प्रदेश के गांव टावर को जाने वाले रास्ते पर लोहे के पिलर लगाए दिए गए हैं, जिससे इस गांव का पूरा रास्ता बंद हो गया।
यूपी सीमा से जुड़े रास्ते हुए बंद
यही नहीं उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा के हिस्से के रास्ते को बंद कर दिया गया। हालांकि, अब ग्रामीण अपनी गाड़ियों को गांव से बाहर नहीं ले जा सकते, क्योंकि इस गांव के जितने भी रास्ते हैं, वे सब सहारनपुर जिले से होकर ही हरियाणा में जाते हैं। अब अगर गांव के पास कोई रास्ता बचा है तो वह सिर्फ यमुना नदी के पानी को पैदल पार करना है। कड़ाके की ठंड में महिलाएं और पुरुष यमुना नदी को पैदल पार करके यमुनानगर जिले के कस्बा जठलाना तक पहुंच रहे हैं।
अब उत्तर प्रदेश से सटे घर भी खाली करवा सकते हैं डीएम साहब
अब सबसे संकट यह है कि सहारनपुर प्रशासन उनके गांव के कुछ घरों पर कभी भी पिला पंजा भी चला सकता है। यह सब कुछ खनन माफिया के चलते ही हुआ। अगर वह यमुना से खनन भरकर इस रास्ते से न ले जाते तो शायद यह सब कुछ ना होता। गौरतलब है कि साल 2014 में उत्तर प्रदेश की ओर से यमुना नदी के किनारे एक ऊंचा बांध बनाया गया था, ताकि यमुना का पानी उत्तर प्रदेश के गांव में न घुस सके और तब भी इस गांव को यमुना नदी के बीच में ही छोड़ दिया था। हालांकि, विवाद होने पर गांव की दूसरी तरफ बांध यानी पटरी नहीं बनाई गई, लेकिन अब भी अगर यमुना नदी में पानी कभी आता है तो उसकी मार इस गांव में हर हाल में पड़ती है, लेकिन इस बार तो सहारनपुर के डीएम का यह तुगलकी फरमान कभी भी उत्तर प्रदेश के हिस्से में बने हुए घरों को खाली करवा सकता है, जबकि यह ग्रामीण हरियाणा की सीमा में।