Ratan Tata दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार को निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके जाने से देशभर में शोक लहर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पीएम मोदी से लेकर देश की तमाम हस्तियों ने उनके निधन पर दुख जताया है। फिलहाल हम आपको बताने जा रहे हैं उनके बचपन से जुड़ा एक किस्सा जिसका खुलासा उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में किया था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रतन टाटा के रूप में भारत ने अपना एक अमूल्य रत्न खो दिया। दिग्गज उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने बुधवार शाम को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में एक पारसी परिवार में हुआ था।
उस वक्त देश में ब्रिटिश हुकुमत थी। ऐसे में जाहिर तौर पर उन्होंने बचपन में ब्रिटिश इंडिया की झलकियां देखी हैं। हालांकि, उस वक्त वह बेहद छोटे थे, लेकिन भारत को ब्रिटिश राज से आजादी दिलाने की ललक उनमें तब भी थी। बाल मन में अंग्रेजों के प्रति विरोध दर्ज कराने के लिए वह उनकी गाड़ियों में शक्कर डाल दिया करते थे।
आजाद मैदान के सामने था घर
इसका खुलासा उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में किया था। उन्होंने बताया था कि उनका घर मुंबई में आजाद मैदान के सामने था। ऐसे में वह अपने घर की बालकनी से मैदान में होने वाली बैठकें और रैलियां देखा करते थे। साथ ही कई बार दंगे और लाठीचार्ज होते भी देखा है।
वह इंटरव्यू में बताते हैं कि कैसे अंग्रेजों की गाड़ियों में वह शक्कर डाल दिया करते थे, जिससे वह खराब हो जाए। वह कहते हैं, ‘मैं भारत को जीतते हुए देखना चाहता था। मुझे याद है हम उस समय ब्रिटिश सांसदों की कारों और मोटरसाइकिल की पेट्रोल टंकियों में चीनी डाल दिया करते थे। जब भी हमें मौका मिलता था, हम इस तरह की चीजें किया करते थे।’
जाम हो जाती है फ्यूल की सप्लाई
गौरतलब है कि गाड़ियों के फ्यूल टैंक में शक्कर डाल देने से मशीन में खराबी आ जाती है। शक्कर फ्यूल फिल्टर को जाम कर सकती है, जिससे फ्यूल की सप्लाई रूक जाती है। हालांकि, रतन टाटा के परिवार का ब्रिटिश हुकुमत के साथ उठना बैठना भी था। वह खुद इंटरव्यूज में बताते हैं कि उनकी दादी का ब्रिटिश रॉयल परिवार के साथ नजदीकी रिश्ता था और दादी एवं सर रतनजी टाटा क्वीन मैरी और किंग जॉर्ज पंचम के करीबी थे।
रतन टाटा के जीवन से जुड़ी खास बातें
- 28 दिसम्बर 1937 को बम्बई, ब्रिटिश भारत (वर्तमान मुंबई) में हुआ था जन्म।
- नवल टाटा और सूनी कमिसारिएट के पुत्र थे रतन टाटा।
- रतन टाटा जब 10 वर्ष के थे, तब उनके माता-पिता अलग हो गए थे।
- उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने उन्हें गोद लिया।
- रतन टाटा का पालन-पोषण उनके सौतेले भाई नोएल टाटा (नवल टाटा और सिमोन टाटा के पुत्र) के साथ किया गया।