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दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के सभी प्रोजेक्ट ट्रैक पर

फेज चार के अंतिम कॉरिडोर रिठाला-कुंडली मेट्रो को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड ने स्वीकृति के बाद फेज-चार के सभी छह कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।

राजधानी में मेट्रो फेज चार के सभी कॉरिडोर ट्रैक पर हैं। फेज चार के अंतिम कॉरिडोर रिठाला-कुंडली मेट्रो को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड ने स्वीकृति के बाद फेज-चार के सभी छह कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।

इनमें तीन प्रमुख कॉरिडोर का निर्माण चल रहा है। इसमें जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम, मजलिस पार्क-मौजपुर व तुगलकाबाद-एरोसिटी शामिल हैं। तीनों का निर्माण कार्य वर्ष 2025 और 2026 में पूरा होना है। मार्च में दो अन्य मेट्रो कॉरिडोर की योजनाओं को केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी थी। इसमें इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ व लाजपत नगर-साकेज जी ब्लॉक मेट्रो कॉरिडोर शामिल हैं।

अब रिठाला-कुंडली कॉरिडोर को स्वीकृति मिली है। इससे पहले पहले फेज-4 में रिठाला से नरेला तक करीब 22 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के निर्माण की योजना थी। इस प्रस्तावित कॉरिडोर के डीपीआर में कई बार बदलाव होने के बाद बीते वर्ष जुलाई में केंद्र सरकार ने कॉरिडोर को नरेला से पांच किलोमीटर आगे हरियाणा के नाथुपुर तक बढ़ाने का निर्देश दिया था। इसके मद्देनजर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने नई डीपीआर तैयार किया है।

येलो लाइन पर पहली और आखिरी मेट्रो का समय बदला

फेज चार की निर्माणाधीन जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मेट्रो लाइन के लिए हैदरपुर बादली मोड़ के पास 490 मीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनना है। इसके लिए समयपुर बादली-मिलेनियम सिटी सेंटर गुरुग्राम के बीच येलो लाइन पर रविवार व सोमवार को पहली व आखिरी मेट्रो के परिचालन के समय में बदलाव किया गया है। समयपुर बादली से रविवार रात 10:45 बजे के बाद व सोमवार सुबह सात बजे से पहले मेट्रो नहीं चलेगी। वहीं, रविवार को मिलेनियम सिटी से आखिरी मेट्रो 11 बजे की जगह 9:30 बजे चलेगी। हैदरपुर बादली मेट्रो स्टेशन के पास निर्माणाधीन फेज चार का कॉरिडोर येलो लाइन के ऊपर से गुजरेगा। यह दिल्ली मेट्रो का सबसे ऊंचा कॉरिडोर होगा। ब्यूरो

नए कॉरिडोर से नरेला के विकास को लगेंगे पंख

रिठाला-कुंडली मेट्रो से नरेला-बवाना-अलीपुर के इलाकों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और विकास में भी तेजी आएगी। यह कॉरिडोर नरेला-बवाना सब-सिटी के विकास को गति प्रदान करेगा और रोहिणी सब-सिटी की काफी समय से लंबित आवश्यकताओं को भी पूरा करेगा।

यहां पर कनेक्टिविटी के न होने से लोग रहने के लिए आवास नहीं खरीद रहे हैं। ऐसे में मेट्रो के आने से आवासीय परियोजनाओं को भी पंख लगेंगे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना के दिशा-निर्देश में डीडीए, नरेला सब-सिटी को दिल्ली स्थित विश्वविद्यालयों के सात कैंपस और संस्थानों के साथ मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, कॉरपोरेट ऑफिस, आईटी पार्क, एम्स और आईजीटीयूडब्ल्यू मेडिकल कैंपस के साथ एजूकेशन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।

मेट्रो के इस कॉरिडोर के निर्माण से विकास की योजनाओं में तेजी आएगी। इस इलाके में पहले से ही दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, एनआईटी दिल्ली, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ होम्योपैथी, राजा हरीश चंद्र अस्पताल, अनाज मंडी, स्मृति वन और दिल्ली विकास प्राधिकरण की कई परियोजनाएं भी हैं।

तीन राज्यों के बीच होगी निर्बाध कनेक्टिविटी : ये कॉरिडोर यूपी के गाजियाबाद, दिल्ली और हरियाणा के कुंडली के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा। एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2028 में इस परियोजना के पूरा होने पर रोजाना 1.26 लाख लोग सफर करेंगे और 2055 तक 3.8 लाख लोग सफर करेंगे। इस कॉरिडोर में आने वाले स्टेशनों में रोहिणी के कुल 7 सेक्टर, बरवाला, सनोठ गांव, न्यू सनोठ गांव, नरेला, जेजे कॉलोनी और बवाना औद्योगिक क्षेत्र के दो स्टेशन व नरेला क्षेत्र में 5 स्टेशन होंगे, जिसमें अनाज मंडी, नरेला डीडीए स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, नरेला गांव, डिपो स्टेशन और नरेला सेक्टर 5 शामिल होंगे।

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