राष्ट्रीय राजमार्ग का उपयोग करने वाले वाहन चालकों को सोमवार से अधिक भुगतान करना होगा। इसकी वजह यह है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने देशभर में टोल दरों में औसतन पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। टोल शुल्क में यह बढ़ोतरी पहले एक अप्रैल से लागू होना था, लेकिन लोकसभा चुनावों के कारण इस बढ़ोतरी को टाल दिया गया था।
राजमार्ग अधिकारी ने कहा कि टोल शुल्क में वृद्धि और ईंधन उत्पादों पर टैक्स राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार में मदद करता है। हालांकि राजनीतिक दल और परिवहन सेवा से जुड़े संगठन टोल शुल्क में वार्षिक वृद्धि की आलोचना करते हैं।
उनका कहना है कि इससे आवश्यकत वस्तुओं की परिवहन लागत बढ़ती और यात्रियों पर आर्थिक बोझ पड़ता है। टोल शुल्क में बढ़ोतरी से आइआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स और अशोक बिल्डकान लिमिटेड जैसी कंपनियों को फायदा होगा।
सरकार ने पिछले एक दशक के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार के लिए अरबों डालर का निवेश किया है। देश के कुल राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई लगभग 1,46,000 किलोमीटर है, जो दूसरा सबसे बड़ा वैश्विक सड़क नेटवर्क है। 2018-19 टोल संग्रह करीब 25 हजार करोड़ रुपये था जो 2022-23 में बढ़कर 54 हजार करोड़ रुपये हो गया।