एडीजीसी प्रदीप साहू का कहना है कि आदेश को देखने के बाद बरी हुए आरोपियों के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जाएगी। वहीं सत्यप्रकाश के अधिवक्ता सौरभ भदौरिया का कहना है कि सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
कानपुर में छात्रसंघ चुनाव की रंजिश में 21 साल पहले सरेआम छात्र नेता की गोली मारकर हत्या कर देने के मामले में अपर जिला जज प्रथम राजेश चौधरी ने दोषी सत्यप्रकाश द्विवेदी को उम्रकैद व बीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की रकम से दस हजार रुपये मृतक के भाई को मिलेंगे।
कोर्ट ने 21 मार्च को सत्यप्रकाश को दोषी करार दे दिया था, जबकि मामले में आरोपी प्रतिद्वंदी छात्र नेता, उसके भाई व पिता को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। डीबीएस कॉलेज छात्रसंघ चुनाव में वर्ष 2002 में अध्यक्ष पद पर मनोज सिंह व संदीप ठाकुर प्रत्याशी थे।
26 अगस्त 2002 की शाम जनसम्पर्क के दौरान बर्रा विश्व बैंक स्थित गुंजन स्वीट हाउस के पास दोनों गुट आमने-सामने आ गए थे। इसमें कहासुनी के बाद फायरिंग हो गई थी। जिसमें एक छात्र नेता प्रदीप यादव की मौत हो गई थी जबकि दूसरे पंकज द्विवेदी जख्मी हो गए थे।
सत्यप्रकाश के पास से बरामद हुई थी लाइसेंसी बंदूक
प्रदीप के भाई संदीप सिंह यादव ने बर्रा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एडीजीसी प्रदीप कुमार साहू ने बताया कि जंग बहादुर सिंह, उनके बेटे संजीव व संदीप तथा सत्यप्रकाश के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट भेजी गई थी। सत्यप्रकाश के पास से लाइसेंसी बंदूक बरामद हुई थी।
सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में करेंगे अपील
सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने कानपुर देहात के मूसानगर निवासी सत्यप्रकाश द्विवेदी को हत्या का दोषी मानकर सजा सुनाई जबकि जंगबहादुर सिंह, संदीप व संजीव बरी हो चुके हैं। एडीजीसी प्रदीप साहू का कहना है कि आदेश को देखने के बाद बरी हुए आरोपियों के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जाएगी। वहीं सत्यप्रकाश के अधिवक्ता सौरभ भदौरिया का कहना है कि सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।