नेशनल असेंबली की अध्यक्षता के दावे को लेकर नेपाल की दो बड़ी पार्टियों माओवादी सेंटर और नेपाली कांग्रेस के बीच बढ़ती दूरी ने पहले से ही कमजोर सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए खतरा पैदा कर दिया है।
नेपाल में सियासी उथल-पुथल जारी है। देश के सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच काफी समय से दरार देखी जा रही थी। आखिरकार अब यह गठबंधन टूट गया। पूर्व वित्त मंत्री सुरेंद्र पांडे ने बताया कि देश में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) और शेख बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस के बीच सत्तारूढ़ गठबंधन टूट गया है और प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहल के नेतृत्व में नई गठबंधन सरकार सोमवार को शपथ लेगी।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के उपाध्यक्ष पांडे ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘सरकार आज बदल जाएगी। नया मंत्रिमंडल बनाया जाएगा। आज कम संख्या में मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी।’
वाम गठबंधन में जिन चार राजनीतिक दलों का विलय होगा वो हैं-
- प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहल के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर)
- कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल),
- राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी
- जनता समाजवादी पार्टी
प्रधानमंत्री बने रहेंगे दहल
पीएम सचिवालय के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दहल प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे। वहीं नए गठबंधन में पार्टियों द्वारा सुझाए गए मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। बता दें, पिछले आम चुनावों के बाद सरकार के गठन के एक साल बाद कैबिनेट में फेरबदल हो रहा है। राजनीति में उतार-चढ़ाव के लिए चर्चित दहल पिछले साल सीपीएन-यूएमएल और अन्य दलों के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे।
इन दो पार्टी में दरार
नेशनल असेंबली की अध्यक्षता के दावे को लेकर नेपाल की दो बड़ी पार्टियों माओवादी सेंटर और नेपाली कांग्रेस के बीच बढ़ती दूरी ने पहले से ही कमजोर सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए खतरा पैदा कर दिया है।माओवादी केंद्र ने 28 फरवरी को अपनी स्थायी समिति की बैठक समाप्त करने के बाद नेशनल असेंबली की अध्यक्षता के लिए चुनाव लड़ने का फैसला किया। माओवादी सेंटर के अध्यक्ष और नेपाल के मौजूदा प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने पहले नेपाली कांग्रेस (एनसी) को आश्वासन दिया था कि वह उच्च सदन या नेशनल असेंबली के अध्यक्ष के चुनाव के दौरान उसका समर्थन करेंगे।
माओवादी सेंटर के प्रवक्ता अग्नि प्रसाद सपकोटा ने कहा, ‘पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में हमारे साथियों ने सुझाव दिया कि इस पद (नेशनल असेंबली के अध्यक्ष) के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाहिए और उसी के अनुसार फैसला किया गया है।’
पार्टी के लोगों ने दिया सुझाव
एक दिन बाद, 29 फरवरी को पुष्प कमल दहल चितवन जिले के भरतपुर पहुंचे। वहां उन्होंने पत्रकारों से कहा. ‘हमारी स्थायी समिति के अधिकतर लोगों ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष पद के लिए पार्टी से उम्मीदवार को खड़ा करने के लिए वोट किया है। हालांकि पार्टी के भीतर की गई मांगों पर कोई लिखित निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन जब हमने (माओवादी सेंटर और नेपाली कांग्रेस) समझौता किया था तब से घटनाक्रम ने एक नया मोड़ ले लिया है।
उन्होंने कहा, ‘मैंने वास्तव में कहा था कि अगर कृष्णा सितुआला को अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतारा जाता है तो हम सकारात्मक थे।’