गृह मंत्रालय में तैनात महिला अधिकारी के पति से निवेश के नाम पर 74 लाख रुपये ठगने के मामले में साइबर थाना पुलिस ने बेंगलूरू और दिल्ली से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान बेंगलुरू निवासी भरत राज (33) और गांव सिसवा, कुशीनगर, निवासी राकेश पाल (20) के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों के पास से चार मोबाइल, लैपटॉप, तीन बैंकों के डेबिट कार्ड व अन्य सामान बरामद किया है। आरोपी विदेश में बैठे मुख्य साजिशकर्ताओं के लिए बैंक खातों और सिम का इंतजाम करवाते थे। फिलहाल, गिरोह के तार श्रीलंका और हांगकांग से जुड़े मिले हैं।
शाहदरा जिला के पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि कृष्णा नगर निवासी अरुण कुमार ने शाहदरा साइबर थाने में 74 लाख रुपये ठगने की शिकायत दी थी। उनके व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज भेजकर ठगों ने वीडियो लाइक और शेयर करने के नाम पर रकम देने की बात कही थी। इसके बाद आरोपियों ने टेलीग्राम एप से जोड़कर अरुण को निवेश करने के लिए कहा। शुरुआत में उन्हें निवेश करने पर अच्छा मुनाफा दिया गया। इसके बाद धीरे-धीरे जाल में फंसाकर 74 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित ने भी कई बैंक से लोन लेने के अलावा दोस्तों से उधार लेकर निवेश कर दिया। मोटी रकम प्राप्त करने के बाद आरोपियों ने पीड़ित की आईडी को ब्लाॅक कर दिया।
ठगी का पता चलने पर मामले की शिकायत पुलिस से की गई। 19 फरवरी को इस संबंध में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गई। साइबर थाने में तैनात इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार, हवलदार सचिन, दीपक, विकास व अन्यों की टीम ने पड़ताल शुरू की। कॉल डिटेल और खातों की पड़ताल करते हुए टीम ने 20 फरवरी को पहले राजेश को दिल्ली से दबोचा। इसके बाद 25 फरवरी को आरोपी भरत राज को बेंगलुरू से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने ठगी की बात स्वीकार कर ली। आरोपियों ने बताया कि ठगी करने वाले मुख्य आरोपी विदेश में बैठे हुए हैं। दोनों उनके लिए फर्जी पतों पर सिम व बैंक खातों का इंतजाम करते हैं। फोन नंबर और बैंक खातों का इस्तेमाल विदेश में बैठे ठग करते हैं, बदले में मोटा कमीशन मिलता है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर बाकी आरोपियों का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
एक आरोपी ने कर रखा है कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा
छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि भरत राज ने बेंगलूरू के कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा इंजीनियरिंग करने के अलावा एमबीए किया हुआ है। इसके बाद वह ठगों के साथ मिलकर मोटा पैसा कमा रहा था।
23 दिनों में 15 करोड़ का हुआ लेनदेन
निवेश के नाम पर 74 लाख रुपये ठगने के मामले की जांच करते हुए पुलिस को पता चला कि गिरोह के तार श्रीलंका और हांगकांग से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने जब भरत और राकेश के बैंक खाते की जांच की तो 23 दिन के भीतर इसमें 15 करोड़ के लेनदेन का पता चला। वहीं, अरुण कुमार के मामले में ठगे गए रुपयों में से 35 लाख श्रीलंका और 7 लाख हांगकांग के बैंकों में ट्रांसफर किए गए हैं। अधिकारियों ने आशंका जताई कि भारत में बैठे लोगों की मदद से विदेशी ठग हर माह करोड़ों रुपये ठग रहे हैं।
जांच अधिकारी ने बताया कि भोले-भाले लोगों को जाल में फंसाने के लिए विदेश में बैठे ठग चीन में बने ट्रेडिग एप का इस्तेमाल करते हैं। जाल में फंसाने के बाद आरोपी पीड़ितों को किसी टेलीग्राम एप से जोड़कर उसमें निवेश करने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके बाद ट्रेडिग एप के जरिये पीड़ित को निवेश करने पर मोटा मुनाफा दिखाया जाता है।
जैसे ही कोई पीड़ित रकम निवेश करता है तो उसे कई भारतीय खातों में घुमाकर क्रिप्टो करेंसी या बिटकाॅइन में बदलकर विदेशों में ट्रांसफर कर लिया जाता है। फिलहाल, नेपाल, दुबई, चीन, श्रीलंका, हांगकांग, समेत कई देशों में बैठे ठग भारतीय गुर्गाें की मदद से वारदात को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस भरत और राकेश पाल से जुड़े बाकी लोगों की तलाश कर रही है। इनके पास से बरामद बाकी दो अन्यों खातों की भी पड़ताल की जा रही है।