राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह ऋषिकेश एम्स में भर्ती 41 मजदूरों का हालचाल जानने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि सुरंग में फंसे 41 लोगों की यह परीक्षा थी, जिसमें वह सफल हुए हैं। साथ ही उन्होंने हमें एक सबक सिखाया है कि किस प्रकार मुश्किल घड़ी में एक साथ रहना है। मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए एम्स परिसर में बसें पहुंच गई हैं।
17 दिन तक सिलक्यारा सुरंग में जिंदगी गुजारने वाले मजदूरों के हौसले फिर भी बुलंद हैं। उनका कहना है कि सुरंग निर्माण के दौरान इस तरह की घटना सामान्य होती है। हालांकि इस बार मलबा ज्यादा गिर गया था। मजदूरों ने छुट्टी के बाद फिर काम पर लौटने का संकल्प लिया है तो कुछ मजदूरों के परिजन वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
दूसरी तरफ उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल से श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के बाद देहरादून स्थित सीएम आवास में ईगास यानी बूढ़ी दीपावली का उत्सव मनाया गया। वैसे तो दिवाली के 11वें दिन यानी एकादशी को उत्तराखंड में ईगास मनाने का रिवाज है, लेकिन मजदूरों के सुरंग में फंसे होने के चलते सीएम धामी ने आवास पर आयोजित कार्यक्रम स्थगित कर दिया था।
वहीं, जब मजदूर सुरक्षित वापस आए हैं तो उन्होंने बुधवार को ही उत्सव मनाया। सीएम धामी भैलो खेलकर लोकगीतों पर जमकर थिरके। इस अवसर पर सीएम आवास में श्रमिकों के परिजन भी मौजूद थे। सीएम ने इन सभी का माल्यार्पण कर और शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक दलों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गईं।
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