Thursday , January 2 2025

अलीगढ़: आईएस के पुणे मॉड्यूल से जुड़कर बना रहे थे केमिकल बम

अलीगढ़ से एटीएस द्वारा गिरफ्तार अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारिक आईएस के पुणे माड़्यूल से जुड़े थे और देश के कई शहरों में केमिकल बम से हमला करने की योजना बना रहे थे। इस माड्यूल की जांच एनआईए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही है। इस माड्यूल में महिलाएं भी सदस्य हैं।                

एटीएस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अब्दुल्ला अर्सलान ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पेट्रो केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। वहीं, माज बिन तारिक बी. कॉम की पढ़ाई कर चुका है। आईएस के उनके हैंडलर्स ने पुणे माड्यूल के सदस्यों के साथ संपर्क कराया था ताकि मौका पड़ने पर आतंकी हमले के लिए संसाधन आसानी से उपलब्ध हो सकें।               

पुणे माड्यूल के शाहनवाज और रिजवान उनके सीधे संपर्क में थे। बता दें कि रिजवान की पत्नी अलफिया और शहनवाज की पत्नी और बहन आईएस के हैंडलर्स से सीधे बात करती हैं। अधिकारियों के मुताबिक इस मामले के तार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अलावा दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी से भी जुड़ रहे हैं।             

बता दें कि शाहनवाज और रिजवान की गिरफ्तारी पर एनआईए ने तीन-तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, जिसके बाद पिछले माह शाहनवाज को दिल्ली, रिजवान को लखनऊ और अरशद वारसी को मुरादाबाद से स्पेशल सेल ने दबोच लिया था।  

कई राज्यों में बनाया नेटवर्क

इस माड्यूल ने कई राज्यों में अपना नेटवर्क बनाया है। इसमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, यूपी, पंजाब, झारंखड, केरल, कर्नाटक, गोवा समेत कई राज्य शामिल हैं। ये सभी बड़े राजनेताओं, मशहूर फिल्म एक्टर्स और इन राज्यों के भीड़भाड़ वाले बाजारों में बम धमाके करने की योजना बना रहे थे।                

एनआईए इस माड्यूल के आठ सदस्यों को अब तक गिरफ्तार कर चुकी है। इसके लिए बड़े पैमाने पर आईईडी तैयार कर रहे थे। एनआईए ने इस ग्रुप के सदस्यों के पास से केमिकल बम बनाने से जुड़ी तमाम वस्तुओं को बरामद किया था।                

केमिकल बम बना रहे थे          

शाहनवाज और रिजवान की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसियों ने खुलासा किया था कि यह माड्यूल केमिकल बम भी तैयार रहा था। पुणे के जंगलों, राजस्थान और उत्तराखंड के दूरदराज के इलाकों में इसका प्रयोग भी किया गया था। इसके बाद से माइनिंग इंजीनियर शाहनवाज और एएमयू से पेट्रो केमिकल इंजीनियरिंग करने वाले अर्सलान की तलाश हो रही थी। जांच में सामने आया है कि इस माड्यूल के सदस्य चंदौली भी जा चुके हैं।

Check Also

Maha Kumbh 2025: एक बार में 100 साल के कल्पवास का फल, जानें महत्व और प्रयागराज के प्रमुख घाटों की पौराणिक कथाएं

Maha Kumbh 2025: कल्पवास क्या है? इसका महत्त्व क्या है और किन किन घाटों पर …