केंद्रीय वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक हुई। इस बैठक सुषमा स्वराज भवन में चल रही है, जिसमें राज्यों के वीत्तिय मंत्रियों ने हिस्सा लिया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक हुई। यह बैठक सुषमा स्वराज भवन में चल रही है, जिसमें राज्यों के वित्त मंत्रियों ने हिस्सा लिया है। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने बाजरा के आटे (मिलेट्स के आटे) पर जीएसटी को मौजूदा 18% जीएसटी से घटाकर 5% करने का फैसला किया है।
इससे पहले कयास लग रहे थे कि जीएसटी परिषद की मीटिंग में ईवी बैटरी, बीमा कंपनियों और मिलेट्स पर लगने वाले दरों पर भी बड़ा फैसला लिया जा सकता है। जीएसटी परिषद की फिटमेंट कमिटी की ओर से मिलेट्स पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई थी। मिलेट्स से बने आटे को खुले में बेचने पर कोई जीएसटी चार्ज नहीं करने की बात कही गई है।
भारत 2023 को ‘मिलेट्स ईयर’ के रूप में मना रहा है और सरकार बाजरा के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि बाजरा जलवायु के लिहाज से लचीला है और इसे कम पानी में और उर्वरकों और कीटनाशकों के न्यूनतम उपयोग के साथ उगाया जा सकता है।
जीएसटी परिषद् की बैठक में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के अलावा राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केन्द्र सरकार व राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं। जीएसटी परिषद जीएसटी व्यवस्था से संबंधित मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए समय-समय पर बैठक करती है, जिसमें कर की दरों, नीतिगत परिवर्तन और प्रशासनिक मुद्दे शामिल हैं। जीएसटी परिषद भारत के अप्रत्यक्ष कर ढांचे को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, यह सुनिश्चित करती है कि यह देश के आर्थिक लक्ष्यों के साथ संरेखित हो और नागरिकों और व्यवसायों पर कर के बोझ को कम करे।