Tuesday , January 7 2025

10 साल भी सत्ता में रह गए तो पिछड़े राज्य का धब्बा धो देंगे- हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार ने गुरुवार को 3 साल पूरे किए। इसकी पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री ने अपने आवास में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार 3 साल जरूर पूरे करने जा रही है, पर इस दौरान कोरोना से उत्पन्न कई चुनौतियों को झेला है। उन्होंने कहा कि हमने आपदा से उत्पन्न चुनौतियों को अवसर में बदलने का प्रयास किया है।
कल्याण और विकास की लंबी रेखा खींची मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में करीब 1 साल के दौरान ही उनकी सरकार कल्याण और विकास के क्षेत्र में लंबी लकीर खींचने में कामयाब रही है। साथ ही कहा कि पूर्व की सरकारों के शासन में ध्वस्त हुई व्यवस्था को दुरुस्त करने का प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि सुकून है कि लोग अब मंत्रियों-विधायकों को अपनी मांगों के लिए नहीं, बल्कि मांगें पूरी होने पर गुलाल लगाने को घेरते हैं। सरकार राज्य के सवा 3 करोड़ लोगों की भावनाओं के अनुरूप निर्णय लेते हुए आगे बढ़ रही है। नौजवानों को दिया है रोजगार का मौका सीएम ने कहा कि 20 साल नहीं 10 साल भी सत्ता में रह गए तो पिछड़े राज्य का धब्बा धो देंगे। सरकार का ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर फोकस है। नौजवानों को नौकरी के साथ रोजगार का अवसर दिया जा रहा है। राज्य के विकास का बेंचमार्क सेट कर लिया है। अब विकास की गाड़ी को टॉप गियर में चलाना है। हर क्षेत्र में सरकार ने विकास का रोडमैप तैयार कर लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बहुत जल्द बड़े बदलाव के साथ उनकी सरकार लोगों के सामने आने वाली है। चुनाव की तैयारी से जुड़े सवाल पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी की तरह 24 घंटे इलेक्शन मोड में नहीं रहते हैं। हम गरीबों और मजदूरों के प्रतिनिधि हैं मुख्यमंत्री ने कहा कि वह व्यापारी नहीं है और ना ही पूंजीपतियों का नेतृत्व करते हैं। वह गरीब, मजदूर और भूखों के प्रतिनिधि हैं। उनके ऊपर आरोप लगाना आसान है, लेकन ईमानदारी से काम करना मुश्किल है। वह ऐसे समाज से आते हैं जो आर्थिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से कमजोर है। ऐसे लोगों का नेतृत्व इनके बीच का व्यक्ति ही कर सकता है। कहा कि बीजेपी मुद्दा और नेता विहीन है। इनके पास सरकार से पूछने के लिए सवाल ही नहीं है। ये लेटकर बस सपना देखते हैं कि लिफाफा खुल गया है और हेमंत सोरेन को हथकड़ी से बांध कर ले जाया रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नियोजन नीति से सामान्य कोटे से बहाल होने वाले बाहरी लोगों को रोकने का प्रयास था। अल्पसंख्यक, पिछड़ा, आदिवासी बाहुल्य राज्य में आरक्षित वर्ग को इससे कोई नुकसान नहीं हो रहा था। ऐसा प्रयास हर राज्य कर रहा है। इसलिए इसे 9वीं अनुसूची में शामिल करने को भेजा है। नियुक्ति बंद नहीं होने देंगे। आगे चौंकाऊ चीजों के सात नियुक्ति की राह खोलेंगे।

Check Also

देश के दूसरे सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज पर पहला ट्रायल पूरा, केबल आधारित पहला पुल है अंजी खड्ड ब्रिज

Anji Khad Bridge First Train Trail Run Completed: जम्मू कश्मीर में बनने वाला देश के …