नई दिल्ली। कोरोना वायरस से अभी हम उभर भी नहीं पाए कि, एक और वायरस मंकीपॉक्स ने पूरी दुनिया को डराकर रख दिया है. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक दुनिया भर में मंकीपॉक्स के 100 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं. ये सारे केस यूके, यूरोपीय देश, उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत 15 देशों में मिले हैं.
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हालांकि, भारत में अभी तक मंकीपॉक्स के कोई केस नहीं मिले हैं लेकिन केंद्र सरकार ने इसे लेकर ‘नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल’ और ‘इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ को अलर्ट रहने के लिए कहा है. मंकीपॉक्स पर विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने भी मंकीपॉक्स को लेकर चेतावनी दी है.
गे लोगों में मंकीपॉक्स का ज्यादा खतरा
WHO ने कहा कि, जिन देशों में यह संक्रमण नहीं फैला है, वहां मंकीपॉक्स के और अधिक मामले सामने आ सकते हैं. मंकीपॉक्स उन लोगों में फैल रहा है जो किन्हीं कारणों से फिजिकल कॉन्टैक्ट में आए हैं. डब्ल्यूएचओ के ऑफिसर डेविड हेमैन ने कहा कि, मंकीपॉक्स इंसानों में सेक्स के जरिए ज्यादा फैल रहा है और इस कारण दुनिया भर में इसके मामले बढ़ रहे हैं. गे लोगों में इसका खतरा ज्यादा बताया जा रहा है.
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WHO के मुताबिक, साउथ अफ्रीकन देशों में हर साल मंकीपॉक्स से हजारों लोग संक्रमित होते हैं. मंकीपॉक्स के दुनिया के 15 देशों में फैलने के बाद अब भारत में फैलने की आशंका भी जताई जा रही है.
मंकीपॉक्स तेजी से कैसे फैलता है?
हिंदुजा हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंट खार में इंटरनल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ. राजेश जरिया के मुताबिक, वायरस अति सूक्ष्म जीव होते हैं. कई बार शारीरिक दूरी भी वायरस को रोक नहीं पाती और ये बेहद सूक्ष्म कणों के जरिए भी एक जीव से दूसरे जीव में चले जाते हैं.
मंकीपॉक्स संक्रमित जानवरों या संक्रमित मनुष्यों के शरीर से निकले फ्लूड (छींक, लार आदि) के संपर्क में आने से फैल सकता है और इसलिए ही यह इतनी तेजी से फैल रहा है. इस वायरस के फैलने की अनुमानित दर 3.3 से 30 प्रतिशत है. हालांकि, कांगो में हाल में फैले मंकीपॉक्स संक्रमण के फैलने की दर 73 प्रतिशत थी.
क्या है मंकीपॉक्स ?
मंकीपॉक्स एक वायरल इन्फेक्शन है जो ज्यादातर चूहों और बंदरों से इंसानों में फैलता है. संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से मंकीपॉक्स बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. यह एक दुर्लभ संक्रमण है जो स्मॉल पॉक्स की तरह दिखता है. इस बीमारी में चेचक के लक्षण दिखाई देते हैं.
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इसके अलावा इस संक्रामक बीमारी में फ्लू जैसे लक्षण भी मरीज में दिखाई दे सकते हैं. जिन लोगों में यह बीमारी गंभीर होती है उनमें निमोनिया के लक्षण भी देखने को मिलते हैं. इससे संक्रमित होने पर मरीज में दिखाई देने वाले लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते हैं. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद यह बीमारी आंख, नाक या मुंह के जरिए इंसान के शरीर में फैल सकती है.
मंकीपॉक्स के प्रभाव
मंकीपॉक्स से पूरे शरीर पर दाने भी हो सकते हैं. यह चकत्ते पपड़ी में बदल जाते हैं और फिर शरीर में खुजली एवं जलन होती है. मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित व्यक्ति के निकट आने वाले व्यक्ति को हो सकता है. मंकीपॉक्स संक्रमण टूटी हुई त्वचा, श्वसन पथ या आंखों, नाक और मुंह के माध्यम से प्रवेश कर सकता है.
मंकीपॉक्स के लक्षण
▪️ शरीर पर गहरे लाल रंग के दानें
▪️ स्किन पर लाल रंग के रैशेज
▪️ फ्लू के लक्षण
▪️ निमोनिया के लक्षण
▪️ बुखार और सिरदर्द
▪️ मांसपेशियों में दर्द
▪️ ठंड लगना
▪️ अत्यधिक थकान
▪️ लिम्फ नोड्स में सूजन
▪️ समय के साथ लाल चकत्ते घाव के रूप में बदलना
▪️ दानों में असहनीय दर्द का होना, जोड़ों में सूजन
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जानिए कितनी खतरनाक है ये बीमारी?
▪️ विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इस वायरस से संक्रमित हर 10 में से एक व्यक्ति की मौत हो सकती है. मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के दो से चार हफ्ते बाद लक्षण अपने आप ठीक हो जाते हैं. अमेरिका के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि आम लोगों में इस संक्रमण फैलने की आशंका अभी बहुत कम है.
▪️ मंकीपॉक्स एक ऐसा वायरस है, जिससे संक्रमित होने पर बुखार और शरीर पर छोटे-छोटे दाने उठ जाते हैं. कुछ हफ्तों बाद ये दाने अपने आप ठीक हो जाते हैं. जंगल के आसपास रहने वाले लोगों को मंकीपॉक्स का खतरा ज्यादा है. ऐसे लोगों में एसिम्प्टोमैटिक इन्फेक्शन भी हो सकता है.
▪️अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि ये चेचक की तरह ही है, लेकिन उसके मुकाबले हल्का है. उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स में मृत्यु दर 1% के आसपास है. ज्यादातर लोग दो से चार हफ्ते में ठीक हो जाते हैं.
▪️ एक्सपर्ट्स का मानना है कि मंकीपॉक्स, कोरोना की तरह आसानी से नहीं फैल सकता है. उनका मानना है कि संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने या उसकी किसी चीज का इस्तेमाल करने या स्कीन टू स्कीन कॉन्टेक्ट करने से मंकीपॉक्स से संक्रमित हो सकते हैं.
कोरोना और मंकीपाक्स दुनिया के सामने बड़ी चुनौती – WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि, कोरोना और मंकीपाक्स दुनिया के सामने बड़ी चुनौती हैं। अब तक 15 देशों में मंकीपाक्स संक्रमण के 100 से अधिक मामले सामने आए हैं। जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य सभा को संबोधित करते हुए डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ.टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने कहा कि, कोरोना महामारी भी निश्चित रूप से अभी खत्म नहीं हुई है।
इसके अलावा 21 देशों में बच्चों में एक रहस्यमय हेपेटाइटिस के कम से कम 450 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके चलते 12 बच्चों ने अपनी जान गंवाई है। दूसरी तरफ, भारत भी मंकीपॉक्स को तेजी से फैलता देख अलर्ट हो गया है। सोमवार को मुंबई के बृहन्मुंबई नगर निगम ने कस्तूरबा अस्पताल में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए 28 बेड का आइसोलेशन वॉर्ड तैयार कर दिया है। हालांकि, अभी देश में इस बीमारी का एक भी मामला नहीं मिला है।
मंकीपॉक्स को लेकर भारत सरकार की बढ़ी चिंता
मंकीपॉक्स को लेकर केंद्र सरकार की चिंता भी बढ़ गई है। तेजी से फैलते संक्रमण को देखते हुए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को अलर्ट जारी किया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एयरपोर्ट्स और बंदरगाहों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि, मंकीपॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा करके लौटे किसी भी बीमार यात्री को तुरंत आइसोलेट करें और सैंपल जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजें।
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