रायबरेली जनपद से एक बड़ी खबर सामने आई है। लगभग 28 वर्ष पहले दर्ज हुए हत्या के मामले में अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। एससी-एसटी न्यायालय रायबरेली ने 1997 में दर्ज इस बहुचर्चित केस में सलोन ब्लॉक क्षेत्र के पूर्व ब्लॉक प्रमुख और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कुंवर आज़ाद सिंह को बाइज्जत बरी कर दिया है। उनके साथ एक अन्य आरोपी को भी राहत मिली है। वहीं इस मामले में शामिल दो अन्य आरोपियों पर अदालत 11 सितंबर को अपना अंतिम निर्णय सुनाएगी।
मामला क्या है?
यह पूरा घटनाक्रम सलोन कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जमुरवा बुजुर्ग गांव से जुड़ा है। 23 फरवरी 1997 को गांव में एक अधेड़ व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज वारदात में पुलिस ने उस समय सलोन के तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख और बीजेपी नेता कुंवर आज़ाद सिंह सहित चार लोगों को नामजद किया था। हत्या के आरोपों में सभी को जेल भी जाना पड़ा। जमानत मिलने के बाद यह मुकदमा लगातार लगभग 28 वर्षों तक चलता रहा।
अदालत का फैसला
लंबे समय तक चली सुनवाई और गवाही-बहस के बाद, आखिरकार 30 अगस्त 2025 को एडीजे एससी-एसटी न्यायालय के न्यायाधीश अनिल कुमार ने अपना फैसला सुनाया। अदालत ने सबूतों और परिस्थितियों का बारीकी से परीक्षण करने के बाद कुंवर आज़ाद सिंह और एक अन्य आरोपी को बाइज्जत बरी कर दिया। वहीं शेष दो आरोपियों को तत्काल हिरासत में ले लिया गया है और उन पर अंतिम फैसला 11 सितंबर को सुनाया जाएगा।
समर्थकों में खुशी की लहर
पूर्व प्रमुख कुंवर आज़ाद सिंह की बरी होने की खबर जैसे ही फैली, उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। बड़ी संख्या में लोग अदालत परिसर और उनके आवास पर पहुंचे और मिठाइयाँ बांटकर अपनी खुशी का इज़हार किया। समर्थकों ने कहा कि 28 साल बाद न्याय मिला है और यह साबित हो गया है कि आरोप बेबुनियाद थे।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
कुंवर आज़ाद सिंह रायबरेली के सलोन ब्लॉक क्षेत्र की राजनीति में एक अहम चेहरा माने जाते रहे हैं। ब्लॉक प्रमुख रहते हुए उन्होंने इलाके में विकास कार्यों को गति दी थी और बीजेपी संगठन में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। लंबे समय से चले आ रहे इस केस ने उनके राजनीतिक जीवन पर असर डाला था, लेकिन अब अदालत के फैसले के बाद उन्हें बड़ी राहत मिली है।
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