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H1-B का बाप है ये O-1 वीजा, इंडियन टेकी के सामने डोनाल्ड ट्रंप नतमस्तक, पूरी जिंदगी अमेरिका में कटेगी ऐश!

H-1B Vs O-1 Visa: अमेरिकी H-1B वीजा को लेकर छिड़े बवाल के बीच भारत के एक युवा टेकी ने अमेरिका से O-1 Visa हासिल किया है. यह एक ऐसा वीजा जिसे H-1B का बाप कहा जाता है. इस वीजा में कई शानदार सुविधाएं मिलती है.

 

H-1B Vs O-1 Visa:  पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H1-B वीजा के लिए फीस को बढ़ाकर एक लाख डॉलर कर दिया. उनके इस आदेश ने भारत के टेक पेशेवरों में हड़कंप मच दिया. देश की आईटी कैपिटल बेंगलुरु से सिलीकॉन सिटी तक हर जगह अफरातफरी मच गई. ऐसा होना लाजिमी भी था. आज की तारीख में अमेरिका में करीब 50 लाख इंडिया टेकी रहते हैं. उनमें से अधिकतर एच1बी वीजा हासिल कर अपने सपने को फंख देने अमेरिका गए हैं. वे अमेरिका की धरती को अपनी मेहनत से सींचते हैं, जिसकी बदौतल अमेरिकी कंपनियां दुनिया में राज करती हैं. गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक जैसी तमाम कंपनियां हैं जिनको बनाने और चलाने में इन एच1बी वीजा धारकों का योगदान रहा है.

खैर, अभी इस मसले पर बात नहीं करते हैं. हम बात करते हैं अमेरिका के अन्य वीजा प्रावधान O-1 की. यह एक ऐसा वीजा नियम है जिसे एच1बी वीजा का बाप कहा जाता है. इसके लिए कुछ खास पैसे की जरूरत नहीं पड़ती और न ही इसके साथ कड़ी शर्तें जुड़ी होती है. इस वीजा को हासिल करने वाले आसानी से अमेरिका के नागरिक भी बन जाते हैं. हालांकि, इस वीजा का लाभ गिने-चुने लोगों को मिलता है. इसी में एक हैं बेंगलुरु के टेकी 26 वर्षीय तनुष शरणार्थी. तनुष का एच1बी वीजा का आवेदन तीन बार खारिज हो गया था. फिर उन्होंने अपनी मेहनत भरोसा किया और कुछ ऐसा कर दिखाया कि अमेरिकी ने उनके स्वागत के लिए पलकें बिछा दी.

तनुष की सफलता

तनुष ने अपनी कहानी लिंक्ड इन पर शेयर की है. तनुष वर्तमान में कैलिफोर्निया में आईबीएम में कार्यरत हैं. उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में अपने उल्लेखनीय कार्य और शोध के आधार पर O-1 वीजा प्राप्त किया. यह वीजा असाधारण प्रतिभा वाले व्यक्तियों को दिया जाता है. तनुष ने लिखा- मैंने भाग्य पर निर्भर रहने की बजाय, उन चीजों पर ध्यान केंद्रित किया जो मेरे नियंत्रण में थीं, देर रात तक काम करना, प्रोडक्ट बनाना, शोध प्रकाशित करना और अपने क्षेत्र में योगदान देना. आखिरकार, निरंतरता ने लॉटरी से बेहतर परिणाम दिए. इस सप्ताह मुझे O-1 वीजा मिला, जो मेरे क्षेत्र में शीर्ष व्यक्तियों के लिए एक विशेष श्रेणी है.
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मेहनत, परिवार, मेंटर्स, सहकर्मियों और दोस्तों के समर्थन के साथ-साथ आईबीएम के निरंतर सहयोग को दिया. सोशल मीडिया पर तनुष की इस उपलब्धि की जमकर तारीफ हुई. एक यूजर ने लिखा- बधाई हो! असफलताओं को प्रेरणा में बदलना ही असाधारण प्रतिभा है. एक अन्य यूजर ने कहा- तनुश, H-1B की मुश्किलों से O-1 की सफलता तक का आपका सफर प्रेरणादायक है. इस रास्ते पर चलने वालों के लिए कोई सलाह? इस पर जवाब में तनुष ने बताया कि जल्दी प्रोफाइल बनाना, कई मानदंडों को पूरा करना, दूसरों के साथ सहयोग और अपने डोमेन में रोमांचक परियोजनाओं पर काम करना उनकी सफलता के प्रमुख कारक थे.

O-1 वीजा क्या है?

O-1 वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जो विज्ञान, कला, शिक्षा, व्यवसाय, खेल या फिल्म और टेलीविजन उद्योग में असाधारण प्रतिभा वाले व्यक्तियों के लिए डिजाइन किया गया है. यह वीजा उच्च उपलब्धि हासिल करने वालों के लिए आदर्श है, क्योंकि इसमें H-1B वीजा की तरह वार्षिक सीमा नहीं होती. O-1 वीजा धारक प्रायोजक नियोक्ताओं या एजेंटों के लिए काम कर सकते हैं और यह EB-1 श्रेणी के माध्यम से स्थायी निवास का रास्ता भी खोलता है. आवेदकों को राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, विद्वत्तापूर्ण लेख, प्रमुख मीडिया कवरेज, प्रतिष्ठित पेशेवर संगठनों की सदस्यता या महत्वपूर्ण नवाचारों में मूल योगदान के माध्यम से अपनी असाधारण प्रतिभा साबित करनी होती है. तनुष की कहानी ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है, खासकर उन युवा पेशेवरों के बीच जो अमेरिका में करियर बनाने का सपना देखते हैं.

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