हर साल भाद्रपद यानी भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। कुछ ज्योतिषाचार्यों का मत है कि जन्माष्टमी का पर्व 18 अगस्त को मनाया जाएगा, जबकि कुछ का कहना है कि जन्माष्टमी का पर्व अष्टमी तिथि के आठवें मुहूर्त में मनाया जाता है जो कि 19 अगस्त को रहेगा। इस साल भगवान श्रीकृष्ण का 5250वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

अष्टमी तिथि-
18 अगस्त को सप्तमी तिथि रात 09 बजकर 20 मिनट तक रहेगी। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी, जो कि 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी।
आधी रात को मनाया जाता है जन्माष्टमी का त्योहार-
जन्माष्टमी का त्योहार अष्टमी तिथि के दिन रात 12 बजे मनाया जाता है। ऐसे में 18 अगस्त की रात जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाना चाहिए। कई लोगों का मानना है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि के आठवें मुहूर्त में हुआ था जो कि 19 अगस्त को रहेगा।
कब मनाया जाएगा जन्माष्टमी का पर्व-
शास्त्रों के अनुसार, हिंदू धर्म में कोई भी त्योहार उदया तिथि में मनाने की भी परंपरा है। ऐसे में कुछ लोग जन्माष्टमी 18 अगस्त व कुछ लोग 19 अगस्त को मनाएंगे। जन्माष्टमी व्रत का पारण 19 अगस्त की रात 10 बजकर 59 मिनट के बाद ही करें।
जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त 2022-
अष्टमी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 18, 2022 को 09:20 पी एम बजे अष्टमी तिथि समाप्त – अगस्त 19, 2022 को 10:59 पी एम बजे रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ – अगस्त 20, 2022 को 01:53 ए एम बजे रोहिणी नक्षत्र समाप्त – अगस्त 21, 2022 को 04:40 ए एम बजे
18 व 19 अगस्त के पूजन मुहूर्त
कृष्ण जन्माष्टमी बृहस्पतिवार, अगस्त 18, 2022 को निशिता पूजा का समय – 12:03 ए एम से 12:47 ए एम, अगस्त 19 अवधि – 00 घण्टे 44 मिनट्स कृष्ण जन्माष्टमी शुक्रवार, अगस्त 19, 2022 को निशिता पूजा का समय – 12:03 ए एम से 12:47 ए एम, अगस्त 20 अवधि – 00 घण्टे 44 मिनट्स
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