पिरूल खरीदने की राशि को सरकार ने तीन रुपए से बढ़ाकर पचास रुपये किया गया है। इसके लिए 50 करोड़ का कार्पस फंड अलग से रखा जाएगा।
उत्तराखंड में वनाग्नि के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिरूल को वनाग्नि का बड़ा कारण माना जाता है। ऐसे में अब सरकार वनाग्नि को रोकने के लिए ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन पर भी कार्य कर रही है। सीएम धामी ने बैठक कर कहा कि इस मिशन के तहत जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल कलेक्शन सेंटर पर 50 रुपये प्रति किलो की दर से पिरूल खरीदे जाएंगे।
बता दें कि इस राशि को तीन रुपए से बढ़ाकर पचास रुपये किया गया है। इस मिशन का संचालन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ का कार्पस फंड अलग से रखा जाएगा।
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